शब्द का अर्थ
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टेकन :
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स्त्री० [हिं० टेकन] वह बड़ी लकड़ी या ऐसी ही और कोई चीज जो किसी दूसरी बड़ी या भारी चीज को गिरने, लुढ़कने आदि से बचाने तथा रोकने के लिए अथवा किसी प्रकार के सहारे के लिए उसके नीचे लगाई जाती हैं। चाँड़। थूनी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
टेकना :
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स० [हिं० टिकना का स० रूप] १. किसी चीज को किसी दूसरी चीज के सहारे खड़ा करना, बैठाना या लेटाना। टिकाना। ठहराना। २. किसी चीज को गिरने, लुढ़कने, आदि से बचाने के लिए उसके नीचे या बगल में टेक लगाना। ३. थकावट, दुर्बलता, शिथिलता आदि के समय सीधे खड़े रहने, चलने-फिरने या बैठ सकने के योग्य न रहने पर उठने-बैठने आदि में सहारे के लिए शरीर के बोझ का कुछ अंश किसी चीज पर डालना या स्थित करना। जैसे–उठते समय दीवार टेकना, चलते समय किसी का कंधा टेकना। बैठते समय लकड़ी टेकना। मुहावरा–(किसी के आगे) घुटने टेकना=हार मानकर अधीनता सूचित करना। माथा टेकना-दंडवत् करना। नमस्कार या प्रणाम करना। ४. अपनी टेक या हठ पर दृढ़ रहना। ५. टेक ग्रहण करना। दृढ़ प्रतिज्ञा या हठ करना। जैसे–आज तो तुमने यह नई टेक टेकी है। पुं० [देश०] एक प्रकार का जंगली धान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
टेकनी :
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स्त्री०=टेकन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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