शब्द का अर्थ
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तारक :
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वि० [सं०√तृ+णिच्+ण्वुल्-अक] तारने या तैरानेवाला। २. भव-सागर से उद्धार करने वाला। जैसे–तारक मंत्र। पुं० १. आकाश का तारा। नक्षत्र। २. आँख की पुतली। ३. आँख। ४. राम का छः अक्षरों का यह मंत्र ‘ओं रामाय नमः’ जिसे सुनने से मनुष्य का मोक्ष होना माना जाता है। ५. इंद्र का शत्रु एक असुर जिसे नारायण ने नपुंसक का रूप धरकण मारा था। ६. एक असुर जिसे कार्तिकेय ने मारा था जो तारकसुर के नाम से प्रसिद्ध था। ७. भिलावाँ। ८. नाविक। मल्लाह। ९. एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में चार सगण और एक गुरु होता है। १॰. एक संकेत या चिन्ह जो ग्रन्थ, लेख आदि में किसी शब्द, पद या वाक्य के साथ लगाया जाता है, जिसका पाद-टिप्पणी में विवरण आदि देना होता है। इसका रूप है–।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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तारकजित् :
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पुं० [सं० तारक√जि (जीतना)+क्विप्] कार्तिकेय। |
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तारक-टोड़ी :
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स्त्री० [सं० तारक+हिं० टोड़ी] एक प्रकार की टोड़ी रागिनी जिसमें ऋषभ और कोमल स्वर लगते हैं और पंचम वर्जित होता है। (संगीत रत्नाकर)। |
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तारक-तीर्थ :
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पुं० [कर्म० स०] गया। (जहाँ पिंडदान करने से पुरखे तर जाते हैं)। |
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तारक-ब्रह्म :
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पुं० [कर्म० स] ‘ओं रामाय नमः’ का मंत्र। |
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तारकश :
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पुं० [हिं० तार+फा० कश=(खींचनेवाला)] [भाव० तारकशी] वह कारीगर जो धातुओं के तार खींचने या बनाने का काम करता हो। |
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तारकशी :
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स्त्री० [हिं० तारकश] तारकश का काम या पेशा। |
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तारकस :
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पुं०=तारकश। |
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तारकांकित :
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वि० [तारक-अंकित, तृ० त०] (शब्द, पद या वाक्य) जिस पर तारक (चिन्ह) लगा हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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तारका :
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स्त्री० [सं० तारक+टाप्] १. तारा। नक्षत्र। २. आँख की पुतली। कनीनिका। ३. इंद्र वारूणी लता। ४. नाराच छंद का दूसरा नाम। ५. बालि की पत्नी का नाम। ६. दे० ‘तारिका’। स्त्री० दे० ‘ताड़का’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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तारकाक्ष :
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पुं० [सं० तारक-अक्षि, ब० स०] तारकासुर का बड़ा लड़का। |
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तारकामय :
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पुं० [सं० तारका+मयट्] शिव। महादेव। |
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तारकायण :
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पुं० [सं० तारक+फक्–आयन] विश्वामित्र के एक पुत्र का नाम। |
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तारकारि :
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पुं० [सं० तारक-अरि, ष० त०] कार्तिकेय। |
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तारकासुर :
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पुं० [सं० तारक-असुर, कर्म० स०] एक असुर जिसका वध कार्तिकेय ने किया था। (शिव पुराण)। |
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तारकिणी :
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वि० [सं० तारकिन्+ङीप्] तारों से भरी। स्त्री० रात। |
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तारकित :
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वि० [सं० तारक+इतच्] तारों से भरा हुआ। |
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तारकी(किन्) :
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वि० [सं० तारका+इनि] [स्त्री० तारकिणी]=तारकित। |
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तारकेश :
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पुं० [सं० तारक-ईश, ष० त०] चंद्रमा। |
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तारकेश्वर :
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पुं० [सं० तारका-ईश्वर,ष० त०] १. शिव। २. शिव की एक विशिष्ट मूर्ति या रूप। ३. वैद्यक में एक प्रकार का रस (औषध)। |
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तारकोल :
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पुं० [अं० टार-कोल] अलकतरा (दे०)। |
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