शब्द का अर्थ
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दबाना :
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स० [हिं० दबना का स०] [भाव० दबाब, दाब] १. ऐसा काम करना जिसमे कुछ या कोई दबे। २. किसी के ऊपर कोई भार रखकर उसे ऐसी स्थिति में लाना कि वह कुछ क्षतिग्रस्त हो जाय अथवा हिल-डुल न सके। जैसे—सब कपडे या कागज दबाकर रख दो जिससे हवा से उड़ या बिखर न जायँ। ३. किसी चीज पर कोई भार डाल या रखकर ऐसी स्थिति में लाना कि उसका ऊपरी तल अथवा सब अंग बहुत नीचे जायँ। जैसे—गड्ढे में या जमीन के नीचे रखकर ऊपर से मिट्टी आदि इस प्रकार डालना कि ऊपर या बाहर से दिखाई न दे। गाड़ना। ४. इस प्रकार अपने अधिकार में करके या छिपाकर रखना कि और लोग देख न सकें। जैसे—इस नौकरी में उन्होने बहुत से रूपए दबाकर अपने पास रख लिये थे। ५. अनुचित रूप से या बलपूर्वक अपने अधिकार में कर के रख लेना। जैसे—बाजारवालों के बहुत से रूपए उन्होने दबा लिये थे। संयो० क्रि०—बैठाना।—रखना।—लेना। ६. किसी पर किसी ओर से ऐसा जोर या दाब पहुँचाना कि उसे अपने स्थान से बहुत-कुछ पीछे हटना पड़े। जैसे—सिपाही भीड़ को दबाते हुए सड़क के उस पार तक ले गये। ७. शरीर के किसी अंग पर उसकी थकावट, पीडा आदि कम करने के लिए अथवा उसमें रक्त का संचार करने के लिए रह-रहकर हाथों से उस पर कुछ हलका भार डालना। जैसे—किसी के पैर या सिर दबाना। ८. ऐसी स्थिति में डालना या पहुँचाना कि मनुष्य बहुत कुछ दीन-हीन बनकर या विवश होकर रहे अथवा समय बिताये। जैसे—आपस के झगड़ों (या नित्य की बीमारियों) ने उन्हें आज-कल बहुत कुछ दबा रखा है। ९. अपने प्रभाव, शक्ति आदि से किसी को ऐसी स्थिति में लाना कि वह अपनी इच्छा के अनुसार कोई काम न कर सके अथवा अपनी इच्छा के विरूद्ध कोई काम करने के लिए विवश हो। जैसे—उन्हीं के दबाने से हमें सौ रूपए छोड़ने पड़े (या उनकी तरफ से गवाही देनी पड़ी)। १॰. अपने गुण, महत्त्व, विशेषतः आदि से किसी को कुछ घटकर या हलका सिद्ध करना। जैसे—हाट के इस नगीने ने और सब नगीनों को दबा दिया है। ११. कोई विशेष उपाय या प्रयत्न करके किसी चीज या बात को उभरने, फैलने या बढ़ने से रोकना। दमन करना। जैसै—(क) अराजकता या विद्रोह दबाना (ख) अपमान या कलंक दबाना १२. कुछ रूक या सोच-समझकर अथवा संकीर्णता या संकोचपूर्वक कोई काम करना। जैसे—हाथ दबाकर खरच करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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