शब्द का अर्थ
|
दरंग :
|
पुं० [?] टीला। (राज०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर :
|
पुं० [सं०√दृ (भय, विदारण)+अप्] १. डर। भय। २. शंख। ३. कंदरा। खोह। गुफा। ४. गड्ढा। ५. दरार। ६. चीरने या फाड़ने की क्रिया। विदारण। ७. जगह। स्थान। ८. ठौर-ठिकाना। वि० चीरने या फाड़नेवाला। (यौ० के अंत में।) जैसे—पुरंदर। वि० किंचित। थोड़ा। स्त्री० [हिं०] १. किसी चीज का वह दाम जिस पर वह हर जगह मिलती हो अथवा खरीदी या बेची जाती हो। जैसे—गेहूँ (या सोने) की दर बराबर चढ रही है। निर्ख। भाव। २. महत्व आदि के विचार से होनेवाला आदर या कदर। प्रतिष्ठा। जैसे—इस जगह अपनी दर घटाओ। पुं०=दल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [फा०] १. दरवाजा। द्वार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) मुहावरा—दर दर मारा मारा (या मारे मारे) फिरना=बुहत दुर्दशा में पड़कर इधर-उधर घूमते और ठोंकरे खाते रहना। २. कमरे, खाने, दालान आदि के रूप में किया हुआ विभाग। जैसे—अलमारी के दर। ३. वह स्थान जहाँ जुलाहे ताना फैलाने के लिए डंडियाँ गाडते हैं। स्त्री० [सं० दारु=लकड़ी] ईख। ऊख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-कंटिका :
|
स्त्री० [ब० स०, कप् टाप्, इत्व] सतावर नाम की ओषधि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरक :
|
वि० [सं०√दृ+वुन्—अक] डरपोक। भीरू। स्त्री० [हिं० दरकना] दरकने के कारण होनेवाला अवकाश या चिह्न। दरार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकच :
|
स्त्री० [हिं० दरकचना] १. दरकचने की क्रिया या भाव। २. दरकचने के कारण किसी चीज पर पड़नेवाला चिह्न या उसके कारण होनेवाला क्षत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकचना :
|
स० [अनु०] १. हलके आघात से थोड़ा दबाना या पीसना। कूटकर मोटे-मोटे टुकडे करना। अ० उक्त क्रिया से दबना या क्षत होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकटी :
|
स्त्री० [हिं० दर (भाव)+काटना] १. किसी चीज की दर या भाव में की जाने या होनेवाली कमी। २. दर या भाव के संबंध में किया जानेवाला निश्चय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकना :
|
अ० [सं० दर=फाड़ना] आघात लगाने या दबने के कारण किसी चीज का कुछ कट या फट जाना। स० हलके आघात या दाब से कोई चीज काटना, कुचलना या तोड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरका :
|
पुं० [हिं० दरकना] १. दरकने की क्रिया या भाव। २. दरकने के कारण पड़ा हुआ चिह्न या लकीर। दरार। ३. ऐसा आघात जिससे कोई चीज दरक या फट जाय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकाना :
|
स० [हिं० दरकना] दरकने में प्रवृत्त करना। थोड़ा काटना, कुचलना या पीटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकार :
|
वि० [फा०] किसी काम में लाने के लिए जिसकी अपेक्षा या आवश्यकता हो। जैसे—इस समय हमें सौ रुपये दरकार हैं। स्त्री० अपेक्षा। आवश्यकता। जैसे—जितनी दरकार हो ले जाओ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकारी :
|
वि० [फा० दरकार] जिसकी अपेक्षाया आवश्यकता हो। आवश्यक। जरूरी। जैसे—सब दरकारी चीजें अपने साथ रख लो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर किनार :
|
वि० [फा०] किसी प्रकार के क्षेत्र से अलग या बाहर किया हुआ। पद—दर किनार=अलग या दूर रहे। चर्चा ही छोड दी जाय। जैसे—इनाम देना तो दर किनार, वे तनख्वाह तक नहीं देते। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकूच :
|
क्रि० वि० [फा०] बराबर कूच या यात्रा करते हुए। यात्रा में बराबर आगे बढ़ते हुए। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरखत :
|
पुं०=दरख्त (वृक्ष)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरखास्त :
|
स्त्री० [फा० दरख्वास्त] १. किसी काम या बात के लिए किसी से किया जानेवाला निवेदन या प्रार्थना। २. प्रार्थना-पत्र। मुहावरा—(किसी पर) दरखास्त पड़ना=किसी के विरूद्ध अधिकारी के सामने कोई अभियोग-पत्र उपस्थित किया जाना। नालिश या फरियाद होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरखास्ती :
|
वि० [फा० दरख्वास्त] दरखास्त या प्रार्थना-पत्र संबंधी। जैसे—दरखास्ती कागज=ऐसा चिकना, बढ़िया और मोटा कागज जिस पर दरखास्त लिखी जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरख्त :
|
पुं० [फा० दरख्त] पेड़। वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरगाह :
|
स्त्री० [फा०] १. चौखट। दहलीज। २. कचहरी। ३. राजसभा। दरबार। ४. किसी पीर या बहुत बड़े फकीर का मकबरा। मजार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-गुजर :
|
वि० [फा० दर-गुज़र] जो गुजर या बीत चुका हो। व्यतीत। पुं० १. किसी में अवगुण या दोष देखकर भी उसे अनदेखा करना अर्थात् उस पर ध्यान न देना। मुहावरा—(कोई बात) दर-गुजर करना=बीती हुई घटना या बात को उपेक्षापूर्वक भूल जाना। ध्यान न देना। जाने देना। २. क्षमा। माफी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-गुजरना :
|
अ० [फा० दर-गुजर] उपेक्षापूर्वक छोड़कर अलग होना। रहित रहने में ही अपना कल्याण समझना। बाज आना। जैसे—माफ कीजिए हम ऐसी दावत (या मेहमानदारी) से दर-गुजरे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरज :
|
स्त्री० [फा० दर्ज़] १. वह पतला लंबा अवकाश जो दो चीजों को एक दूसरे से सटाने पर बीच में बच रहे या दिखाई दे। दरार। २. दीवार आदि ठोस रचनाओं के बीच में फटने के कारण उसमें टेढ़ी-सीधी रेखा के समान बननेवाला चिह्न जिसमें पानी समाता है। वि०=दर्ज (लिखा हुआ)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरज-बंदी :
|
स्त्री० [हिं० दरज+फा० बंदी] दीवार आदि की दरजें बंद करने के लिए उसमें मसाला लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरजन :
|
पुं० [अं० डज़न] १. गिनती में बारह वस्तुओं का समूह। २. उक्त को एक इकाई मानकर चीजों की की जानेवाली गिनती। जैसे—चार दरजन संतरे (अर्थात् १२.४=४८ संतरे)। स्त्री०=दरजिन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरजा :
|
पुं० [अ० दर्जः] १. प्रतिष्ठा, महत्त्व या सम्मान का पद या स्थान। २. ऐसा स्थान जहाँ रहकर अधिकारपूर्वक किसी कर्त्तव्य का पालन या किसी प्रकार का प्रबंध आदि करना पड़े। ओहदा। पद। जैसे— अब तो उनका दरजा बढ़ गया है। ३. ऐसा वर्गीकरण या विभाजन जो गुण, योग्यता आदि की कमी, बेशी के विचार से किया गया हो अथवा जिसमें ऊँचे-नीचे, छोटे-बडे आदि का भाव निहित या सम्मिलित हो। श्रेणी। जैसे—यह पुस्तक हजार दरजे अच्छी (या बढ़कर) है। ४. पाठशालाओं, विद्यालयों आदि में उक्त दृष्टि से स्थिर किये हुए ऐसे विभाग जिनमें से प्रत्येक में समान योग्यता रखनेवाले या समान परीक्षा में उत्तीर्ण होनेवाले विद्यार्थियों को एक साथ और एक ही तरह की शिक्षा दी जाती है। श्रेणी। जैसे—इस विद्यालय में १॰ वें दरजे तक पढ़ाई होती है। मुहावरा—दरजा चढ़ाना=विद्यार्थी को परीक्षा में उत्तीर्ण होने अथवा योग्य समझे जाने के कारण आगे या बादवाले बड़े दरजे में पहुँचाना। ५. किसी रचना के अन्तर्गत सुभीते आदि के विचार से बनाये हुए खाने या किये हुए विभाग। जैसे—पाँच दरजोंवाली अलमारी, तीन दरजोंवाला संदूक। ६. धातु की बनी हुई चीजों की ढलाई में, कोई चीज ढालने का वह साँचा (फरमें से भिन्न) जो मौलिक या स्वतंत्र रूप से न बनाया गया हो, बल्कि फरमें से ढाली हुई चीज के अनुकरण और आधार पर तैयार किया गया हो। जैसे—ये मूर्तियाँ तो दरजे की ढली हुई है, हमें तो फरमे की ढली हुई मूर्तियाँ चाहिए। विशेष—जो चीजें मौलिक या स्वतंत्र रूप से नये बनाये हुए साँचे में (जिसे पारिभाषिक क्षेत्रों में ‘फरमा’ कहते हैं) ढली होती हैं, वे रचना-कौशल सफाई, सुंदरता आदि के विचार से अच्छी होती हैं। परंतु इस प्रकार ढली हुई चीज से अथवा उसके अनुकरण पर जो दूसरा साँचा बनाया जाता है वह ‘दरजा’ कहलाता है। दरजे की ढली हुई चीजें अपेक्षया घटिया या निम्न वर्ग की समझी जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरजावार :
|
अ० य० [अ०+फा०] क्रमशः एक दरजे या श्रेणी से दूसरे दरजे या श्रेणी में होते हुए। वि० जो दरजे या श्रेणियों के रूप में विभक्त हो। श्रेणीबद्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरजिन :
|
स्त्री० [हिं० दरजी का स्त्री०] १. कपड़े सीने का काम करनेवाली स्त्री। २. दरजी की पत्नी। ३. दरजी जाति की स्त्री। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरजी :
|
पुं० [फा० दर्जी] [स्त्री० दरजिन] १. वह व्यक्ति जो दूसरों के कपड़े सीकर जीविका उपार्जित करता हो सूचिक। पद—दरजी की सूई=ऐसा आदमी जो कई प्रकार के काम कर सके या कई बातों में योग दे सके। २. कपड़ा सीने का काम करनेवाले लोगों की एक जाति। ३. एक प्रकार की चिड़िया जो अपना घोसला पत्ते सीकर बनाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरण :
|
पुं० [सं०√दृ (विदारण)+ल्युट्+अन] १. दलन करने अर्थात् चक्की में डालकर कोई चीज पीसने की क्रिया या भाव। २. ध्वंस। विनाश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरणि :
|
स्त्री० [सं०√दृ+अनि]=दरणी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरणी :
|
स्त्री० [सं० दरणि+ङीष्] १. भँवर। २. लहर। ३. प्रवाह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरथ :
|
पुं० [सं०√दृ+अर्थ] १. गुफा। २. पलायन। ३. चारे की तलाश में किसी दूसरे स्थान पर जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरद :
|
वि० [सं० दर√दा (देना)+क] भयदायक। भयंकर। पुं० १. काश्मीर और हिंदूकुश पर्वत के बीच के प्रदेश का प्राचीन नाम। २. उक्त देश में रहनेवाली एक पुरानी म्लेच्छ जाति। ३. [दर (किंचित) दै (शुद्धि)+क] ईंगुर। शिंगरफ। पुं० [फा० दर्द] १. शारीरिक कष्ट। पीड़ा। २. प्रसव के समय स्त्रियों को होनेवाली पीड़ा। ३. किसी प्रकार की अप्रिय या दुःखद हार्दिक अनुभूति। जैसे—मेरो दरद न जाने कोय।—मीराँ। ४. कोई ऐसी विशेषता जो हृदय को अभिभूत कर ले। हृदय में होनेवाली एक प्राकार की मीठी टीस। जैसे—उसके स्वर या गले में दरद है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदमंद :
|
वि० [फा० दर्दमंद] [भाव० दर्दमंदी] १. जिसे दर्द हो। पीड़ित। २. जो दूसरों का दर्द या पीड़ा समझकर उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता हो। सहानुभूति करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-दर :
|
अव्य० [फा० दर=दरवाजा] १. दरवाजे-दरवाजे। २. प्रत्येक स्थान पर। जगह-जगह। मुहावरा— दर-दर की ठोकरें खाना=सब जगहों से तिरस्कृत होते हुए इधर-उधर घूमना। मारे-मारे फिरना। वि० दरदरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदरा :
|
वि० [सं० दरण=दलना] [स्त्री० दरदरी] [भाव० दरदरापन] (दला हुआ पदार्थ) जिसके कम महीन चूर्ण के कणों की अपेक्षा कुछ मोटे तथा कठोर होते हैं। जैसे—दरदरा आटा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदराना :
|
स० [सं० दरण] १. इस प्रकार कोई चीज पीसना जिससे उसके कण दरदरें बनते हों। २. दाँत कटकटाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदरी :
|
स्त्री० [सं० धरित्री] पृथ्वी। भूमि। (डिं०) वि० हिं० ‘दरदरा’ का स्त्री०। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदवंत :
|
वि० [हिं० दरद+वंत (प्रत्य०)] १. दूसरों का दरद समझने और उसे दूर करने की मनोवृत्ति या सहानुभूति रखनेवाला। २. जिसे कष्ट या व्यथा हो। पीड़ित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदबंद :
|
वि०=दरदवंत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-दालान :
|
पुं० [फा०] एक दालान के अंदर का दूसरा दालान। दोहरा दालान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-दामन :
|
पुं० [फा०] ओढ़नी, चादर आदि का दामन अर्थात् आँचल का भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदावन :
|
पुं०=दर-दामन। उदाहरण—बादले की सारी दरदावन जगमगी जरतारी झीने झालरि के साज पर।—देव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरदीला :
|
वि० [हिं० दरद+ईला (प्रत्य०)] १. जिसमें या जिसे दरद हो। २ .दूसरों का दर्द अर्थात् कष्ट या पीड़ा समझनेवाला। उदाहरण—नारायन दिल दरदीले।—नारायण स्वामी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरद्द :
|
पुं०=दर्द। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरध :
|
पुं०=दर्द। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरन :
|
पुं०=दरण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरना :
|
स० [सं० दरण] १. दलना। पीसना। २. ध्वस्त या नष्ट करना। ३. शरीर पर रगड़कर लगाना। मलना। उदाहरण—कहै रत्नाकर धरैगी मृगछाला अस धूरि हूँ दरैगी जऊ अंग छिलि जाइगै।—रत्ना०।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरप :
|
पुं०=दर्प।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरपक :
|
पुं० [सं० दर्पक] कामदेव। उदा०—ऐसे जैसे लीने संग दरपक रति है।—सेनापति। पुं०=दर्प। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरपन :
|
पुं० [स्त्री० अल्पा० दरपनी]=दर्पण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरपना :
|
अ० [सं० दर्पण] १. दर्प से युक्त होना। क्रोध करना। २. अहंकार या अभिमान करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरपनी :
|
स्त्री० [हिं० दरपन] चौखटे में मढ़ा हुआ छोटा शीशा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-परदा :
|
वि० [फा० दर-पर्दः] जो परदे या आवरण के अंदर या पीछे हो। अव्य० १. परदे की आड़ या ओट में। २. दूसरों की दृष्टि बचाकर। छिपकर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-पेश :
|
अव्य० [फा०] किसी के समक्ष। सामने। जैसे—कोई मामला दर-पेश होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-बंद :
|
पुं० [फा०] १. चहार-दीवारी। २. पुल। ३. दरवाजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबंदी :
|
स्त्री० [फा० दर+बंदी] १. चीजों की दर या भाव निश्चित करने की क्रिया। २. जमीन की लगान की दर निश्चित करने की क्रिया। ३. अलग-अलग दर (खाने या विभागों के) निश्चित करने या बनाने की क्रिया। स्त्री०=दरबंद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरब :
|
पुं० [सं० द्रव्य] १. द्रव्य। धन। २. धातु। ३. चीज। वस्तु। ४. एक प्रकार की मोटी चादर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबर :
|
वि० [?] १. दरदरा। २. (जमीन या रास्ता) जिसमें कंकर, ठीकरें अधिक हो। (कहार)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबराना :
|
स० [हिं० दरबर] १. थोड़ा पीसना। दरदरा करना। २. दबाना। ३. किसी को इस प्रकार भयभीत करना कि वह खंडन या विरोध न कर सके। ४. किसी प्रकार का दबाव डालना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबहरा :
|
पुं० [देश०] एक तरह की शराब। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबा :
|
पुं० [फा० दर] १. काठ आदि की खानेदार अलमारी या संदूक जिसमें कबूतर, मुरगियाँ आदि रखी जाती है। २. दीवारों, पेड़ों आदि में का वह कोटर जिसमें पक्षी रहते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबान :
|
पुं० [फा० मि० स० द्वारवान्] वह व्यक्ति जो दरवाजे पर चौकसी करता हो। द्वारपाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबानी :
|
स्त्री० [फा०] दरबान (द्वारपाल) का काम या पद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबार :
|
पुं० [फा०] [वि० दरबारी] [भाव० दरबारदारी] १. वह स्थान जहाँ राजा या सरदार अपने मुसाहबों के साथ बैठते और लोगों के निवेदन या प्रार्थना सुनते है। राज-सभा। क्रि० प्र०—करना।—लगना।—लगाना। मुहावरा—(किसी के लिए) दरबार खुलना=दरबार में आते-जाते रहने का अधिकार या सुभीता मिलना। (किसी के लिए) दरबार बंद होना=प्रायः राजा के अप्रसन्न होने के कारण दरबार में आने-जाने का निषेध होना। २. दरबार करनेवाला प्रधान अर्थात् राजा। (राज०) ३. किसी ऋषि या मुनि का आश्रम। ४. दरवाजा। द्वार। (क्व०) ५. दे० ‘दरबार साहब’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबारदार :
|
पुं०=दरबारी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबारदारी :
|
स्त्री० [फा०] १. प्रायः दरबार में उपस्थित होकर राजा के पास बैठने और बात-चीत करने की अवस्था। २. किसी बड़े आदमी के यहाँ बराबर आते-जाते रहने की वह अवस्था जिसमें बड़े आदमी का चित्त प्रसन्न करके उसका अनुग्रह प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाता है। खुसामद करने के लिए की जानेवाली हाजिरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबार-विलासी :
|
पुं० [फा० दरबार+सं० विलासी] द्वारपाल। दरबान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबार साहब :
|
पुं० [फा०+अं०] अमृतसर में सिक्खों का वह प्रधान गुरूद्वारा जिसमें ‘गुरुग्रंथ साहब’ का पाठ होता है और जो सिक्खों का प्रधान तीर्थ है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबारी :
|
पुं० [फा०] १. वह जो किसी के दरबार में सम्मिलित होता हो। २. बड़े आदमियों के पास बैठकर उनकी खुशामद करनेवाला व्यक्ति। दरबार-दार। वि० १. दरबार-संबंधी। दरबार का। २. दरबार के लिए उपयुक्त या शोभन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबारी-कान्हड़ा :
|
पुं० [फा० दरबारी+हिं० कान्हड़ा] संपूर्ण जाति का एक राग जो रात के दूसरे पहर में गाया जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबी :
|
स्त्री० [सं० दर्वी] कलछी। उदाहरण—दरबी लै कै मूढ़ जरावत हाथ कौ।—हित हरिवंश।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरभ :
|
पुं० [?] बंदर। पुं० १.=दर्भ। २.=द्रव्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरम :
|
पुं०=दिरम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरमन :
|
पुं० [फा० दर्मा] १. उपचार। इलाज। २. औषध। दवा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर माँदा :
|
वि० [फा० दस्माँदः] [भाव० दरमाँदगी] १. जो बहुत अधिक थककर किसी के दरवाजे पर पड़ा हो। २. दीन-हीन। बेचारा। ३. विवश। लाचार। उदाहरण—दरमाँदे ठाढ़े दरबार।—कबीर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरमा :
|
स्त्री० [देश०] बाँस की वह चटाई जो बंगाल में झोपडियों की दीवार बनाने के काम आती है। पुं० [सं० दाड़िम] अनार (वृक्ष और फल)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरमाहा :
|
पुं० [फा० दरमाहः] हर महीने मिलनेवाला वेतन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरमियान :
|
पुं० [फा०] मध्य। बीच। अव्य० बीच या मध्य में। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-मियाना :
|
वि० [फा० दरमियानः] १. बीचवाला। २. जो आकार में न बहुत बड़ा हो न बहुत छोटा। मँझला। मझोला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरमियानी :
|
वि० [फा०] बीच या मध्य का। पुं० १. वह जो दलों या पक्षों के बीच में पड़कर उनका झगड़ा निपटाता या मामला तै कराता हो। मध्यस्थ। २. दलाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरया :
|
पुं०=दरिया। (नदी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरयाई :
|
वि०, स्त्री०=दरियाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरयाफ्त :
|
भू० कृ०=दरियाफ्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दररना :
|
स० १.=दरना। (दलना) २.=दरेरना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरराना :
|
अ० [अनु०] १. वेगपूर्वक आना। २. इस प्रकार आगे बढ़ना कि आस-पास के लोगों को दबना पड़े या उन्हें धक्का लगे।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरवाजा :
|
पुं० [फा० दरवाजा] १. कुछ विशिष्ट प्रकार से बना हुआ वह मुख्य अवकाश जिसमें से होकर कमरे, कोठरी, मकान, मैदान आदि में प्रवेश करते हैं। द्वार। मुहावरा—(किसी के) दरवाजे की मिट्टी खोद डालना=इतनी अधिक बार किसी के यहाँ आना-जाना कि वह खिन्न हो जाय या उसे बुरा लगने लगे। २. वह चौखट जो उक्त अवकाश में लगा रहता है और जिसमें प्रायः किवाड़ या पल्ले जड़े रहते हैं। ३. किवाड। पल्ला। क्रि० प्र०—खड़खड़ाना।—खोलना।—बंद करना।—भेड़ना। ४. लाक्षणिक रूप में, कोई ऐसा उपाय या साधन जिसकी सहायता से अथवा जिसे पार करके कहीं प्रवेश किया जाता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबी :
|
स्त्री० [सं० दर्वी] १. कलछी। २. सँड़सी। ३. सांप का फन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरबीकर :
|
पुं०=दर्वीकर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरवेश :
|
पुं० [फा०] [वि० दरवेशी] १. भिखारी। २. मुसलमान साधुओं का एक संप्रदाय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरश :
|
पुं०=दर्श या दर्शन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरशन :
|
पुं०=दर्शन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरशनी :
|
वि० [सं० दर्शन] दर्शन या देखने से संबंध रखनेवाला। जैसे—दरशनी हुंडी। स्त्री० दर्पण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरशनी हुंडी :
|
स्त्री० [हिं०] १. महाजनी लेन-देन में ऐसी हुंडी जिसे देखते ही महाजन को उसका धन चुकाना या भुगतान करना पड़े। २. ऐसी हुंडी जिसका भुगतान तुरंत करना पड़े। ३. कोई ऐसी चीज जिसे दिखाते ही कोई उद्देश्य सिद्ध हो जाय या उसके बदले में कोई दूसरी चीज मिल जाय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरशाना :
|
अ०=दरसाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरस :
|
पुं० [सं० दर्श] १. देखा-देखी। दर्शन। २. भेंट। मुलाकात। ३. खूबसूरती। सुंदरता। ४. छबि। शोभा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसन :
|
पुं०=दर्शन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसना :
|
अ० [सं० दर्शन] दिखाई पड़ना। देखने में आना। स०=देखना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसनिया :
|
पुं० [सं० दर्शन] १. मंदिरों में लोगों को दर्शन करानेवाला पंडा २. शीतला आदि की शांति के लिए पूजा-पाठ करनेवाला व्यक्ति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसनी :
|
स्त्री० [सं० दर्शन] दर्पण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) वि०=दरशनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसनीय :
|
वि०=दर्शनीय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसाना :
|
स० [सं० दर्शन] १. दर्शन कराना। दिखलाना। २. प्रकट या स्पष्ट रूप में सामने रखना। ३. स्पष्ट रूप में बिना कुछ कहे केवल आचरण, व्यवहार आदि के द्वारा जतलाना। झलकाना। जैसे—उन्होंने अपनी बात-चीत से दरसा दिया कि वे सहमत नहीं है। अ० दिखाई देना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरसावना :
|
स०=दरसाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर-हकीकत :
|
अव्य० [फा०+अं०] हकीकत में। वास्तव में। वस्तुतः। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरहम :
|
वि० [फा०] अस्त-व्यस्त। पद—दरहम-बरहम=अस्त-व्यस्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दराँती :
|
स्त्री० [सं० दात्री] घास, फसल आदि काटने का हँसिया नाम का औजार। मुहावरा(खेत में) दराँती पड़ना या लगना=फसल की कटाई का आरंभ होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दराई :
|
स्त्री०=दलाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दराज :
|
वि० [फा० (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) दराज़] [भाव० दराजी] १. बहुत बड़ा या लंबा। दीर्घ। जैसे—दराज कद, दराज दुम। २. दूर तक फैला हुआ। विस्तृत। क्रि० वि० अधिक। बहुत। स्त्री० [अं० ड्राअर] मेज में लगा हुआ संदूकनामा वह लंबा खाना जिसमें वस्तुएँ आदि रखी जाती हैं और जो प्रायः खींचकर आगे या बाहर निकाला जा सकता है। स्त्री०=दरार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरार :
|
स्त्री० [सं० दर] किसी तल के कुछ फटने पर उसमें दिखाई देनेवाला रेखाकार अवकाश। दरज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरारना :
|
अ० [हिं० दरार+ना (प्रत्य०)] विदीर्ण होना। फटना। स० विदीर्ण करना। फाड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरारा :
|
पुं० १.=दरेरा। २.=दरार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिंदा :
|
पुं० [फा० दरिन्दः] वह हिंसक जन्तु या पशु जो दूसरे जीवों को चीड़-फाड़कर खा जाता हो। जैसे—चीता, भालू, शेर आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरि :
|
स्त्री० [सं०√दृ (विदारण)+इन्]=दरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरित :
|
भू० कृ० [सं० दर+इतच्] १. डरा हुआ। २. फटा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद :
|
वि०, पुं०=दरिद्र। पुं०=दरिद्रता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्दर :
|
वि०, पुं०=दरिद्र।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=दरिद्रता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्र :
|
वि० [सं०√दरिद्रा (दुर्गति)+अच्] [स्त्री० दरिद्रा] [भाव० दरिद्रता] १. जिसके पास निर्वाह के लिए कुछ भी धन न हो। निर्धन। कंगाल। २. बहुत ही घटिया या निम्न कोटि का। ३. सारहीन। पुं० कंगाल या निर्धन व्यक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्रता :
|
स्त्री० [सं० दरिद्र+तल्+टाप्] दरिद्र होने की अवस्था या भाव। कंगाली। निर्धनता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्रायक :
|
वि० [सं०√दरिद्रा+ण्वुल्—अक]=दरिद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्रित :
|
वि० [सं०√दरिद्रा+क्त] १. दरिद्र। २. दुःखी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्री :
|
वि०=दरिद्र।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिया :
|
पुं० [फा० दर्या] १. नदी। २. समुद्र। सागर। पुं०=दलिया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० [हिं० दरना] १. दलनेवाला। २. नाश करनेवाला। पुं०=दलिया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियाई :
|
वि० [फा० दर्याई] १. दरिया अर्थात् नदी-संबंधी। दरिया या नदी का। २. नदी में या उसके आस पास रहने या होनेवाला। जैसे—दरियाई घोड़ा। ३. समुद्र-संबंधी। समुद्र का। स्त्री० पतंग उड़ाने में वह क्रिया जिसमें एक आदमी उसे पकड़कर पहले कुछ दूर ले जाता है और तब वहाँ से ऊपर आकाश में छोड़ता है। चुड़ैया। स्त्री० [फा० दाराई] एक प्रकार का धारीदार रेशमी कपड़ा। (पश्चिम) उदाहरण—केसरी चीर दरयाई को लेंगो।—मीराँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियाई-घोड़ा :
|
पुं० [फा० दरियाई+हिं० घोड़ा] अफ्रीक़ा के जंगलों में मिलनेवाला घोड़े के आकार का एक तरह का जंगली जानवर जो नदियों के किनारे झाड़ियों में रहता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियाई-नारियल :
|
पुं० [फा० दरियाई+हिं० नारियल] १. समुद्र के किनारे होनेवाला एक प्रकार का नारियल (वृक्ष) जिसके फल साधारण नारियल से बहुत छोटे हैं। २. उक्त वृक्ष का फल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियादास :
|
पुं० [?] विक्रमी १७वीं-१८वीं शती में वर्तमान एक हिंदू (परंतु जन्म से मुसलमान) संत जिन्होंने दरिया नामक संप्रदाय चलाया था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियादासी :
|
पुं० [हिं० दरियादास+ई (प्रत्य०)] दरियादास का चलाया हुआ पंथ जिसमे निर्गुण की उपासना का विधान है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियादिल :
|
वि० [फा०] [भाव० दरियादिली] जिसका हृदय नदी की तरह विशाल और उदार हो। परम उदार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियादिली :
|
स्त्री० [फा०] उदारता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियाफ्त :
|
भू० कृ० [फा० दर्याफ़्त] जिसके संबंध में पूछ-ताछ करके जानकारी प्राप्त कर ली गई हो। पता लगाकर जाना हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिया-बुर्द :
|
पुं० [फा०] ऐसा खेत या जमीन जो किसी नदी के बहाव या बाढ़ के कारण कट या डूबकर खराब या निरर्थक हो गयी हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरियाव :
|
पुं० १.=दरिया। (नदी) २.=दरिया (समुद्र)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरी :
|
वि० [सं० दरि+ङीष्] १. फाड़नेवाला। विदीर्ण करनेवाला। २. डरनेवाला। डरपोक। स्त्री० [सं० दरि+ङीष्] १. खोह। गुफा। २. पहाड के नीचे का वह खड्ड जिसमें कोई नदी गिरती या बहती हो। स्त्री० [सं० दर=चटाई] मोटे सूत का बुना हुआ मोटे दल का एक प्रकार का बिछौना। शतंरजी। स्त्री०=[फा०] ईरान देश की एक प्राचीन भाषा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरीखाना :
|
पुं० [फा० दर+खाना] १. ऐसा कमरा या मकान जिसके चारों ओर बहुत से दरवाजे हों। २. बारह-नदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरीचा :
|
पुं० [फा० दरीचः] [स्त्री० दरीची] १. छोटा दरवाजा। २. खिड़की। ३. रोशनदान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरीबा :
|
पुं० [हिं० दर या दरबा ?] १. वह स्थान जहाँ एक ही तरह की बहुच-सी चीजें इकट्ठी बिकती हों। जैसे—पान का दरीबा। २. बाजार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरी-भृत् :
|
पुं० [सं० दरी√भृ (धारण करना)+क्विप्] पर्वत। पहाड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरी-मुख :
|
पुं० [ष० त०] १. गुफा का मुख। २. राम की सेना का एक बंदर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरती :
|
स्त्री० [सं० दर-यंत्र] छोटी चक्की। स्त्री० दराँती।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेक :
|
पुं० [सं० द्रेक] बकायन (वृक्ष)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेग :
|
पुं० [अं० दरेग] कसर। त्रुटि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेज :
|
स्त्री० [?] एक प्रकार की छपी मलमल या छींट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेर :
|
स्त्री० [हिं० दरेरना] १. दरेरने की क्रिया या भाव। २. दरेरे जाने के कारण होनेवाला क्षत या क्षति। ३. नाश। बरबादी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेरना :
|
स० [सं० दरण] १. किसी पदार्थ के तल के साथ इस प्रकार अपना तल रगड़ते हुए उसे दबाना कि उसमें कुछ क्षत हो जाय अथवा उसकी कुछ क्षति हो। २. रगड़। ३. नाश करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेरा :
|
पुं० [सं० दरण] १. दरेरने के लिए दिया जानेवाला धक्का। २. दबाव। चाप। ३. बहाव का तोड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेस :
|
स्त्री० [अं० ड्रेस] एक प्रकार का फूलदार छींट। वि० [भाव० दरेसी] जो बना-बनाया तैयार हो और तुरंत काम में लाया जा सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरेसी :
|
स्त्री० [अं० ड्रेसिंग] १. कोई चीज हर तरह से उपयुक्त और काम में आने योग्य बनाने की क्रिया या भाव। तैयारी। २. इमारत के काम में, ईंटों के फरश में, मसाले से दरज भरना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरैया :
|
पुं० [सं० दरण] १. दलनेवाला। जो दले। २. ध्वस्त या नष्ट करनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरोग :
|
वि० [अ० दुरोग़] असत्य। झूठा। पुं० असत्य कथन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरोग-हलफी :
|
स्त्री० [अ० दुरोग हल्फ़ी] १. सच बोलने की कसम खाकर या शपथ लेकर भी झूठ बोलना जो विधिक क्षेत्रों में दंडनीय अपराध माना गया है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरोगा :
|
पुं०=दारोगा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरोदर :
|
पुं० [सं० दुरोदर (पृषो० सिद्धि)] १. जुआरी। २. पासा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्कार :
|
स्त्री०=दरकार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्गाह :
|
स्त्री०=दरगाह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्ज :
|
वि० [अ०] जो स्मृति, हिसाब-किताब आदि के लिए अपने उपयुक्त स्थान (कागज, किताब, बही आदि) पर लिखा गया हो। स्त्री० दे० ‘दरज’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्जन :
|
पुं०=दरजन। स्त्री०=दरजिन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्जा :
|
पुं०=दरजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्जावार :
|
वि०, क्रि० वि०=दरजावार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्जिन :
|
स्त्री०=दरजिन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्जी :
|
पुं०=दरजी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्द :
|
पुं०=दरद (कष्ट या पीड़ा)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दमंद :
|
वि०=दरदमंद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दर :
|
वि० [सं०√दृ (विदारण)+यङ्+अच् (पृषो०, सिद्धि)] फटा हुआ। पुं० १. थोड़ा टूटा या चटका हुआ कलसा। २. पहाड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दरीक :
|
पुं० [सं०√दृ+णिच्+ईकन्] १. मेंढक। २. बादल। ३. एक तरह का बाजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दी :
|
वि०=दरदमंद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दुर :
|
पुं० [सं०√दृ+उरच् (नि० सिद्धि)] १. मेढक। २. बादल। मेघ। ३. अबरक। अभ्रक। ४. एक प्रकार का पुराना बाजा। ५. कवित्त का एक प्रकार का भेद। ६. बहुत से गाँवों से समूह। ७. नगाड़े का शब्द। ८. एक राक्षस का नाम। ९. पश्चिमी घाट पर्वत का एक भाग। मलय पर्वत से लगा हुआ एक पर्वत। १॰. उक्त पर्वत के आस-पास का प्रदेश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दुरक :
|
पुं० [सं० दर्दुर+कन्] १. मेंढ़क। २. [दर्दुर√कै (शब्द)+क] एक तरह का बाजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दुरच्छदा :
|
स्त्री० [सं० ब० स०, टाप्] ब्राह्मी बूटी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्दु :
|
पुं० [सं०√दरिद्रा (दुर्गति)+उ, नि० सिद्धि] दाद (रोग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्प :
|
पुं० [सं०√दृष् (गर्व करना)+घञ्] १. अभिमान। घमंड। २. वह तेजस्वितापूर्ण राग या क्रोध जो स्वाभिमान पर अनुचित आघात होने या उसे ठेस लगने पर उत्पन्न होता है और जिसके फल-स्वरूप वह अभिमान तथा दृढ़तापूर्वक प्रतिपक्षी को फटकार बताता है। जैसे—महिला ने बहुत दर्प से उसे गुंडे की भर्त्सना की। ३. अहंकार करनेवाले के प्रति मन में होनेवाला क्षणिक विराग। मान। ४. अक्खड़पन। उद्दंडता। ५. वैभव, शक्ति आदि का आतंक। रोब। ६. कस्तूरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्पक :
|
वि० [सं०√दृप्+ण्वुल्—अक] दर्प करनेवाला। पुं० [√दृप्+णिच्+ण्वुल्] कामदेव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्पण :
|
पुं० [सं०√दृप्(चमकना)+णिच्+ल्यु—अन] १. मुँह देखने का शीशा। आईना। २. आँख। नेत्र। ३. ताल के साठ मुख्य भेदों में से एक। ४. उत्तेजित या उद्दीप्त करने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्पन :
|
पुं०=दर्पण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्पित :
|
भू० कृ० [सं० दृप् (गर्व)+णिच्+क्त] १. जो दर्प से युक्त हुआ हो। जिसने दर्प दिखलाया हो। २. अभिमानी। घमंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्पी (र्पिन्) :
|
वि० [सं० दर्प+इनि] १. जिसमें दर्प हो। जो दर्प दिखलाता हो। २. अभिमानी। घमंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्ब :
|
पुं० [सं० द्रव्य] १. द्रव्य। धन। २. चीज। पदार्थ। ३. धातु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्बान :
|
पुं०=दरबान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्बार :
|
पुं०=दरबार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्बारी :
|
पुं०=दरबारी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्बी :
|
स्त्री०=दरबी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भ :
|
पुं० [सं०√दृभ्+घञ्] १. एक प्रकार का कुश। डाभ। २. कुश का बना हुआ बैठने का आसन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भ-केतु :
|
पुं० [ब० स०] राजा जनक के भाई कुशध्वज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भट :
|
पुं० [सं०√दृभ् (निर्माण करना)+अटन्(बा०)] घर का वह कमरा जिसमें गुप्त रूप से विचार-विमर्श आदि किया जाता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भण :
|
पुं० [सं०√दृभ्+ल्युट्—अन] कुश की बनी हुई चटाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भ-पत्र :
|
पुं० [ब० स०] काँस नामक घास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भाकुर :
|
पुं० [दर्भ-अंकुर, ष० त०] डाभ का नोकीला अंग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भासन :
|
पुं० [दर्भ-आसन, मध्य० स०] दर्भ या कुश का बना हुआ आसन। कुशासन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भाह्रय :
|
पुं० [सं० दर्भ+आ√ह्रे (बुलाना)+श] मूँज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्भेषिका :
|
स्त्री० [दर्भ-ईषिका, ष० त०] कुश का डंठल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्मियान :
|
पुं०=दरमियान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्मियानी :
|
वि०=दरमियानी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्याव :
|
पुं०=दरिया। (नदी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्रा :
|
पुं० [फा० दर्रः] पहाड़ों के बीच का संकरा तथा दुर्गम मार्ग। पुं० [हिं० दलना] १. किसी चीज का मोटा पीसा हुआ चूर्ण। जैसे—गेहूँ या दाल का दर्रा। २. ऐसी मिट्टी जिसमें बहुत-से छोटे-छोटे कंकड़-पत्थर हों। (ऐसी मिट्टी प्रायः सड़कों पर बिछाई जाती है।) पुं०=दरार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्राज :
|
स्त्री० [फा० दराज़-लंबा] बढ़इयों का एक उपकरण जिससे वे लकड़ी सीधी करते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्राना :
|
अ० [अनु० दड़-दड़, धड़-धड़] तेजी से और बेधड़क चलते हुए आगे बढ़ना या कहीं प्रवेश करना। जैसे—दर्राते हुए किसी के घर में घुस या चले जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्व :
|
पुं० [सं०√दृ (विदारण)+व] १. हिंसा करनेवाला मनुष्य। २. राक्षस। ३. उत्तरी पंजाब के एक प्रदेश का पुराना नाम। ४. उक्त देश में बसनेवाली एक प्राचीन जाति। पुं०=द्रव्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्वरीक :
|
पुं० [सं०√दृ+ईकन्, नि० सिद्धि] १. इंद्र। २. वायु। ३. एक बाजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्वा :
|
स्त्री० [सं०] उशीनर की पत्नी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्विक :
|
पुं० [सं०√दृ+विन्+कन्] करछुल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्विका :
|
स्त्री० [सं० दर्विक+टाप्] १. घी की बत्ती जलाकर बनाया जानेवाला काजल। २. बनगोभी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्विदा :
|
स्त्री० [सं० दर्वि√दो (खण्डन)+ड+टाप्] कठफोड़वे की तरह की एक चिड़िया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्वी :
|
स्त्री० [सं० दर्वि+ङीष्] १. करछी। कलछी। २. साँप का फन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्वी-कर :
|
पुं० [सं० ब० स०] फनवाला साँप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्श :
|
पुं० [सं०√दृश् (देखना)+घञ्] १. दर्शन। २. अमावास्या तिथि जिसमें चंद्रमा और सूर्य का संगम होता है; अर्थात् वे एक ही दिशा में रहते हैं। ३. अमावास्या के दिन होनेवाला यज्ञ। ४. चांद्रमास की द्वितीया तिथि। दूज। ५. नया चाँद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शक :
|
वि०[सं०√दृश्+ण्वुल्—अक] १. (वह) जो कोई चीज देख रहा हो अथवा देखने के लिए आया हो। जैसे—खेल आरंभ होने से पहले मैदान दर्शकों से भर चुका था। २. [दृश्+णिच्+ण्वुल्] दिखलाने या दर्शानेवाला। (यौ० के अंत में) जैसे—मार्ग-दर्शक। पुं० १. वह व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह जो कहीं बैठकर कोई घटना, तमाशा दृश्य आदि देखता हो। २. द्वारपाल। दरबान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शन :
|
पुं० [सं०√दृश्+ल्युट—अन] १. देखने की क्रिया या भाव। २. नेत्रों द्वारा होनेवाला ज्ञान, बोध या साक्षात्कार। ३. प्रेम, भक्ति और श्रद्धापूर्वक किसी को देखने की क्रिया या भाव। जैसे—किसी देवता या महात्मा के दर्शन के लिए कहीं जाना। क्रि० प्र०—करना।—देना।—पाना।—मिलना।—होना। विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग संस्कृत के आधार पर बहुधा बहुवचन में ही होता है। जैसे—अब आप के दर्शन कब होंगे। ४. आपस में होनेवाला आमना-सामना या देखा-देखी। भेंट। मुलाकात। ५. आँख या दृष्टि के द्वारा होनेवाला ज्ञान या बोध। ६. आँख। नेत्र। ७. स्वप्न। ८. अक्ल। बुद्धि। ९. धर्म या उसके त्तत्व का ज्ञान। १॰. दर्पण। शीशा। ११. रंग। वर्ण। १२. नैतिक गुण। १३. विचार या उसके आधार पर स्थिर की हुई सम्मति। १४. किसी को कोई बात अच्छी तरह समझाते हुए बतलाना। १५. कोई बात या ध्यान या विचारपूर्वक देखना और अच्छी तरह समझाना। १६. वह विज्ञान या शास्त्र जिसमें प्राणियों को होनेवाले ज्ञान या बोध, सब तत्त्वों तथा पदार्थों के मूल और आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, विश्व, सृष्टि आदि के संबंध रखनेवाले नियमों, विधानों, सिद्धांतों, आदि का गंभीर अध्ययन, निरूपण तथा विवेचन होता है। सब बातों के रहस्य, स्वरूप आदि का ऐसा विचार जो तत्त्व, नियम आदि स्थिर करता हो। दर्शन-शास्त्र। विशेष—तर्क और युक्ति के आधार पर व्यापक दृष्टि से सब बातों के मौलिक नियम ढूँढ़ने वाले जो शास्त्र बनाते हैं, उन सब का अंतर्भाव दर्शन में होता है। हमारे यहाँ सांख्य, योग, वैशषिक, न्याय, मीमांसा (पूर्व मीमांसा) और वेदान्त (उत्तर मींमांसा) ये छः दर्शन बने है, जिनमें अलग-अलग ढंग से उक्त सब बातों को विचार और विशेषण हुआ है। इनके सिवा चार्वाक, बौद्ध, आर्हत, पाशुपत, शैव आदि और भी अनेक गौण तथा सांप्रदायिक दर्शन है। अनेक पाश्चात्य देशों में भी उक्त सब बातों की जो बिलकुल स्वतंत्र रूप से और गहरी छान-बीन हुई है, वह भी दर्शन के अंतर्गत ही है। १७. किसी प्रकार की बड़ी और महत्त्वपूर्ण क्रिया या ज्ञान के क्षेत्र के सभी मौलिक तत्त्वों, नियमों, सिद्धान्तों आदि का होनेवाला विचार-पूर्ण अध्ययन और विवेचन। जैसे—जीवन धर्म, नीति शास्त्र आदि का दर्शन, पाश्चात्य दर्शन, भारतीय दर्शन आदि। १८. उक्त विषय पर लिखा हुआ कोई प्रमाणिक और महत्वपूर्ण ग्रंथ। १९. कोई विशिष्ट प्रकार की तात्त्विक या सैद्धांतिक विचार प्रणाली। जैसे—गाँधी- दर्शन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शन-प्रतिभू :
|
पुं० [च० त०] वह प्रतिभू या जमानतदार, जो किसी व्यक्ति की किसी विशिष्ट समय तथा स्थान पर उपस्थित होने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शनीय :
|
वि० [सं०√दृश्+अनीयर्] १. जिसके दर्शन करना उचित या योग्य हो। २. देखने योग्य। मनोहर। सुंदर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शनी-हुंडी :
|
स्त्री०=दरशनी हुंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शाना :
|
स०=दरसाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शित :
|
भू० कृ० [सं०√दृश्+णिच्+क्त] जो दिखलाया गया हो। दिखलाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शी (र्शिन्) :
|
वि० [सं०√दृश्+णिनि] १. देखनेवाला। जैसे—आकाशदर्शी। २. मनन या विचार करनेवाला। जैसे—तत्त्वदर्शी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्स :
|
पुं० [अ०] १. पठन। पढ़ना। २. उपदेश। ३. शिक्षा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरकन :
|
स्त्री० [हिं० दलकना] १. दकलने की क्रिया या भाव। दलक। २. थरथराहट। ३. आघात आदि के कारण होनेवाला झटका। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शेधन :
|
पुं० [सं० दशा-इंधन, ब० स०] दीपक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्शामक :
|
वि० [सं०] १. दशम संबंधी। २. दशमिक। दशमलव संबंधी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दर्द्धी (द्धिन्) :
|
वि० [सं०√गृध्+णिनि] [स्त्री० गर्द्धिनी] १. लोभी। २. लुब्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |