शब्द का अर्थ
|
दरिद :
|
वि०, पुं०=दरिद्र। पुं०=दरिद्रता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्दर :
|
वि०, पुं०=दरिद्र।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=दरिद्रता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्र :
|
वि० [सं०√दरिद्रा (दुर्गति)+अच्] [स्त्री० दरिद्रा] [भाव० दरिद्रता] १. जिसके पास निर्वाह के लिए कुछ भी धन न हो। निर्धन। कंगाल। २. बहुत ही घटिया या निम्न कोटि का। ३. सारहीन। पुं० कंगाल या निर्धन व्यक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्रता :
|
स्त्री० [सं० दरिद्र+तल्+टाप्] दरिद्र होने की अवस्था या भाव। कंगाली। निर्धनता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्रायक :
|
वि० [सं०√दरिद्रा+ण्वुल्—अक]=दरिद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्रित :
|
वि० [सं०√दरिद्रा+क्त] १. दरिद्र। २. दुःखी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दरिद्री :
|
वि०=दरिद्र।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |