शब्द का अर्थ
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दीपनीय :
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वि० [सं०√दीप् (दीप्ति)+अनीयर्] १. जो दीपन के लिए उपयुक्त हो। जो जलाया या प्रज्वलित किया जा सके। २. जो उत्तेजित, तीव्र या प्रबल किये जाने के योग्य हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दीपनीयक :
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वि० [सं०] दीपन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दीपनीय-वर्ग :
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पुं० [ष० त०] चक्रदत्त के अनुसार एक ओषधि वर्ग जिसके अंतर्गत जठराग्नि तीव्र करनेवाली ये ओषधियाँ हैं—पिप्पली, पिप्पलामूल, चव्य, चीता और नागर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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