शब्द का अर्थ
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देवी :
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स्त्री० [सं० देव+ङीप्] १. स्त्री देवता। २. देवता की पत्नी। ३. दुर्गा, सरस्वती, पार्वती आदि स्त्री-देवताओं का नाम। ४. श्रेष्ठ गुणोंवाली और सुशीला स्त्री। ५. प्रचीन भारत में राजा की वह पत्नी जिसका राजा के साथ अभिषेक होता था। पटरानी। ६. स्त्री के लिए एक आदरसूचक संज्ञा या संबोधन। ७. स्त्रियों के नाम के अंत में लगनेवाला शब्द। जैसे—शीला देवी, कृष्णा देवी। ८. सफेद इंद्रायन। ९. असबर्ग। पृक्का। १॰. अड़हुल। आदित्यभक्ता। ११. लिंगनी नाम की लता। पँचगुरिया। १२. वन-ककोड़ा। १३. शालपर्णी। सरिवन। १४. महाद्रोणी। बड़ा गुमा। १५. पाठा। १६. नागरमोथा। १७. हरीतकी। हर्रै। १८. अलसी। तीसी। १९. श्यामा नाम की चिड़िया। २॰. सूर्य की संक्रांति। पुं० [सं० देविन्] जूआ खेलनेवाला व्यक्ति। जुआरी। स्त्री० [अ० डेविट्स] १. लकड़ी का वह चौखटा जिसमें दो खड़े खंभो के ऊपर आड़ा बल्ला लगा रहता है। २. जहाज के किनारे पर बाहर की ओर निकले या झुके हुए वे खंभे जिनमें घिरनियाँ लगी होती है। |
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देवीकोट :
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पुं० [सं०] वाणासुर की राजधानी। शोणितपुर। |
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देवी-गृह :
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पुं० [ष० त०] १. देवी या भगवती का मंदिर। २. राज-प्रासाद में राज-महिषी के रहने का निजी कमरा। |
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देवी-पुराण :
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पुं० [मध्य० स०] एक उपपुराण जिसमें दुर्गा का माहात्म्य वर्णित है। |
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देवीबीज :
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पुं० [सं० देवीवीर्य] गंधक। |
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देवी-भागवत :
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पुं० [मध्य० स०] एक पुराण जिसमें भगवती दुर्गा का माहात्म्य वर्णित है। कुछ लोग इसे उपपुराण मानते है। |
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देवी-भोया :
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पुं० [हिं० देवी+भोयना=भुलाना] वह ओझा जो देवी का ही उपासक हो और उसी के द्वारा सब काम करता-कराता हो। |
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देवी-वीर्य :
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पुं० [ष० त०] गंधक। |
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देवी-सूक्त :
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पुं० [मध्य० स०] ऋग्वेद शाकल संहिता का एक देवी विषयक सूक्त। |
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