शब्द का अर्थ
|
द्वि-पद :
|
वि० [सं० ब० स०] १. जिसके दो पद या पैर हों। जैसे—मनुष्य, पक्षी आदि। २. जिसमें दो पद या शब्द हों। समस्त। यौगिक। ३. (गणित में ऐसी संख्या) जिसमें दो अलग-अलग अंक या संख्याएँ एक साथ मानी और ली जायँ। (बाईनेमिअल) जैसे—३/५+१/२। पुं० १. दो पैरोंवाला जंतु या जीव। २. आदमी। मनुष्य। ३. ज्योतिष के अनुसार मिथुन, तुला, कुंभ, कन्या और धनु लग्न का पूर्व भाग। ४. वास्तु मंडल में का एक कोठा या घर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
द्वि-पदा :
|
स्त्री० [सं० द्विपद+टाप्] दो पदोंवाली ऋचा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
द्वि-पदिक :
|
पुं० [सं० द्विपदी+कन्, ह्रस्व] शुद्धराग का एक भेद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
द्वि-पदी :
|
स्त्री० [सं० ब० स०, ङीष्] १. प्राकृत भाषा का एक प्रकार का छंद। २. दो चरणों की कविता या गीत। ३. एक तरह का चित्र काव्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |