शब्द का अर्थ
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पटक :
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पुं० [सं० पट+कन्] १.सूती कपड़ा। २. [पट√कै+क] खेमा। तंबू। स्त्री० [हिं० पटकना] पटकने की क्रिया या भाव। पटकान। जैसे—दोनों में उठा-पटक होने लगी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पटकन :
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स्त्री०=पटकान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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पटकना :
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स० [सं० पतन+करण] १. किसी को या कोई चीज उठाकर या हाथ में लेकर जोर से जमीन पर डालना या गिराना। जोर के साथ ऊँचाई से भूमि की ओर फेंकना। जैसे—(क) किसी लड़के को जमीन पर पटकना। (ख) गिलास या थाली पटकना। संयो० क्रि०—देना। मुहा०—(कोई काम) किसी के सिर पटकना=किंचित उग्र से या जबरदस्ती किसी के जिम्मे लगाना। मढ़ना। जैसे—तुम तो सब काम यों ही मेरे सिर पटक देते हो। २. अपना कोई अंग जोर से किसी तल पर गिराना या रखना। जैसे—जमीन पर सिर या हाथ पटकना। ३. किसी खड़े या बैठे हुए व्यक्ति को उठाकर जोर से नीचे गिराना। दे मारना। ४. कुश्ती में प्रतिद्वन्द्वी को जमीन पर गिराना या पछाड़ना। अ० १. ऊपरी तल का दबकर कुछ नीचे हो जाना। पचकना। २. (अनाज आदि का) सूखकर सिकुड़ना। ३. (सूजन आदि का) दबकर कम होना। ४. ‘पट’ शब्द करते हुए किसी चीज का चटक,टूट या फूट जाना। जैसे—मि्टटी का बरतन पटकना। |
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समानार्थी शब्द-
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पटकनिया :
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स्त्री० [हिं० पटकना] १. पटकने की ढंग भाव अथवा युक्ति। २. दे० ‘पछाड़’। |
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पटकनी :
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स्त्री० [हिं० पटकना] १. पटकने की क्रिया या भाव। पटकान। क्रि० प्र०-देना। २. पटके जाने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०—खाना। ३. पछाड़ खाकर जमीन पर गिरने और लोटने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
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पटकरी :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार का बेल। |
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पटकर्म (मन्) :
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पुं० [ष० त०] कपड़े बुनने का काम धंधा या पेशा। वयन। |
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पटका :
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पुं० [सं० पट्टक] १. कमर में बाँधने का दुपट्टा या बड़ा रूमाल। कमरबन्द। मुहा०—(किसी का) पटका पकड़ना=(क) किसी काम या बात के लिए किसी को उत्तरदायी ठहराना। (ख) किसी से कुछ पाने या लेने के लिए आग्रह करना। (किसी काम के लिए) पटका बाँधना=किसी काम के लिए तैयार होना। कमर कसना। २. गले में डालने का दुपट्टा। ३. एक प्रकार का चारखाना या धारीदार कपड़ा। ४. दीवार के ऊपर की वह पट्टी जो शोभा के लिए कमरे में अन्दर की ओर बनाई जाती है। कँगनी। कारनिस। |
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पटकान :
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स्त्री० [हिं० पटकना] १. पटकने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०—देना। २. झटके या झोंके से किसी के द्वारा नीचे गिराये जाने का भाव। क्रि० प्र०—खाना। ३. पटके जाने के कारण होनेवाली पीड़ा। ४. छड़ी। डंडा। |
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पटकार :
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पुं० [सं० पट√कृ (करना)+अण्] १. कपड़ा बुननेवाला। जुलाहा। २. चित्रपट बनानेवाला। चित्रकार। स्त्री० [हिं० पटकना] १. वह लंबी रस्सी, जिसे जमीन पर पटककर किसान लोग खेत की चिड़ियाँ उड़ाते हैं। २. उक्त रस्सी के पटके जाने पर होने वाला शब्द। |
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पटकी :
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स्त्री०=पटकान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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