शब्द का अर्थ
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परम :
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वि० [सं० पर√मा (मान)+क] १. जो किसी क्षेत्र या वर्ग में सबसे अधिक उन्नत, महत्त्वपूर्ण या योग्य हो। २. किसी दिशा या सीमा में सबसे आगे बढ़ा हुआ। अत्यंत। ३. जिसके हाथ में कुल या सब अधिकार या शक्तियाँ निहित हो। (एब्सोल्यूट) ४. मुख्य। प्रधान। ५. आरंभिक या आदिम। पुं० १. शिव। २. विष्णु। |
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परम-आज्ञा :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] ऐसी आज्ञा जो अंतिम हो और जिसमें किसी प्रकार का परिवर्तन न हो सकता हो। (एब्सोल्यूट आर्डर) |
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परमक :
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वि० [सं० परम+कन्] १. सर्वोच्च। सर्वोत्तम। सर्वश्रेष्ठ। २. चरम सीमा का। परले सिरे का। |
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परम-गति :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] वह उत्तम गति जो मरने पर सत्पुरुषों को प्राप्त होती है। मोक्ष। |
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परमजा :
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स्त्री० [सं० परम√जन् (उत्पन्न होना)+ ड+टाप्] प्रकृति। |
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परमट :
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पुं० [देश०] संगीत में एक प्रकार का ताल। पुं०=परमिट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परमटा :
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पुं० [?] एक प्रकार का चिकना रंगीन कपड़ा जो प्रायः कोट के अस्तर के काम आता है। पनैला। |
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परमत :
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स्त्री० [सं० परमता ?] १. साख। २. ख्याति। प्रसिद्धि। |
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परम-तत्त्व :
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पुं० [कर्म० स०] १. दर्शन-शास्त्र और विज्ञान के अनुसार, वह मूलतत्त्व जो सृष्टि की समस्त वस्तुओं का सृष्टिकर्त्ता माना गया है। पदार्थ। २. ब्रह्म। |
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परम-धाम :
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पुं० [कर्म० स०] बैकुंठ। स्वर्ग। |
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परमन :
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पुं०=परिमाण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परमन्न :
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पुं० [सं० परम+अन्न] खाने-पीने की बहुत बढ़िया बढ़िया चीज़ें। |
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परमन्यु :
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पुं० [ब० स०] यदुवंशी कक्षेयु के एक पुत्र का नाम। |
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परम-पद :
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पुं० [सं० कर्म० स०] १. सबसे श्रेष्ठ पद वा स्थान। २. सांसारिक बंधनों से मिलनेवाला मोक्ष। |
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परम-पिता :
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पुं० [सं० कर्म० स०] ईश्वर। परमेश्वर। |
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परम-पुरुष :
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पुं० [सं० कर्म० स०] १. परमात्मा। २. विष्णु। |
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परम-फल :
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पुं० [कर्म० स०] १. सबसे उत्तम फल या परिणाम। २. मुक्ति। मोक्ष। |
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परम-ब्रह्म (न्) :
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पुं० [कर्म० स०]=परब्रह्म। |
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परम-ब्रह्मचारिणी :
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स्त्री० [कर्म० स०] दुर्गा। |
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परम-भट्टारक :
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पुं० [कर्म० स०] [स्त्री० परम भट्टारिका] प्राचीन भारत में एक-छत्र राजाओं की एक उपाधि। |
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परम-भट्टारिका :
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स्त्री० [सं० कर्म०स०] प्राचीन भारत में परम भट्टारक की रानी की उपाधि। |
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परम-रस :
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पुं० [कर्म० स०] पानी मिला हुआ मट्ठा। |
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परमर्द्धिदेव :
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पुं० [सं० परम-ऋषि, ब० स०, परमर्द्धि-देव, कर्म० स०] महोबे के एक चंदेलवंशी राजा जो परमाल के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। |
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परमर्षि :
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पुं० [सं० परम-ऋषि, कर्म० स०] वह जो ऋषियों में परम हो। सर्वश्रेष्ठ श्रृषि। |
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परमल :
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पुं० [सं० परिमल=कूटा या मला हुआ] ज्वार या गेहूँ का हरा या भिगोकर भुनाया हुआ चबेना। पुं०=परिमल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परमवीर-चक्र :
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पुं० [सं० परमवीर, कर्म० स०, परमवीरचक्र, ष० त०] विशिष्ट सैनिक अधिकारियों को असाधारण वीरता प्रदर्शित करने पर भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जानेवाला एक अलंकरण। |
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परम-सत्ता :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] वह सत्ता जो सबसे बढ़कर हो और जिसके ऊपर कोई और सत्ता न हो। (एब्सोल्यूट पावर) |
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परमसत्ताधारी (रिन्) :
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पुं० [सं० परमसत्ता√धृ (धारण) +णिनि] वह जिसे परम सत्ता प्राप्त हो। |
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परम-हंस :
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पुं० [कर्म० स०] १. परमात्मा। परमेश्वर। २. ज्ञान मार्ग में बहुत आगे बढ़ा हुआ संन्यासी। ३. संन्यासियों का एक भेद जिन्हें दंड, शिखा, सूत्र आदि धारण करना आवश्यक नहीं होता। |
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परमांगना :
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स्त्री० [सं० परमा-अंगना, कर्म० स०] अच्छी और सुंदरी स्त्री। |
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परमा :
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स्त्री० [सं० परम+टाप्] बहुत बढ़ी-चढ़ी हुई छवि या शोभा। स्त्री०=प्रमा (यथार्थ ज्ञान)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=प्रमेह (रोग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परमाक्षर :
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पुं० [सं० परम-अक्षर, कर्म० स०] ओंकार। |
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परमाटा :
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पुं० [देश०] १. संगीत में एक प्रकार का ताल। २. पनैला या परमटा नाम का कपड़ा। |
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परमाणवीय :
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वि० दे० ‘पारमाणविक’। |
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परमाणविक :
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वि०=पारमाणविक। |
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परमाणु :
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पुं० [सं० परम-अणु, कर्म० स०] [वि० पारमाणविक, परमाणवीय] १. अत्यंत सूक्ष्म कण। २. विज्ञान में किसी तत्व का वह सबसे छोटा टुकड़ा या खण्ड जिसके टुकड़े हो ही न सकते हों। (एटम) विशेष—अनेक परमाणुओं के योग से ही अणु बनते हैं। |
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परमाणु-परीक्षण :
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पुं० [सं०] नये बने हुए पारमाणिक शस्त्रों की शक्ति आदि का परीक्षण। (एटामिक टेस्ट) |
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परमाणु-बम :
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पुं० [सं० परमाणु+अं० बाम्ब] एक प्रकार का बम (गोला) जिसमें रासायनिक क्रियाओं द्वारा अणु का विस्फोट होता है तथा जिसके फल-स्वरूप भीषण तथा व्यापक संहार होता है। (एटम बाम्ब) |
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परमाणुवाद :
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पुं० [सं० ष० त०] १. यह मत या सिद्धान्त कि परमाणुओं से ही जगत् की सृष्टि हुई है। (न्याय या वैशेषिक) (एटमिज़्म) २. परमाणुओं को उपयोग में लाने का काम। |
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परमाणुवादी (दिन्) :
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वि० [सं० परमाणुवाद+इनि] परमाणुवाद संबंधी। पुं० वह जो परमाणुवाद का सिद्धांत मानता हो। (एटॉमिस्ट) |
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परमाण्विकी :
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स्त्री० [सं०] भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें परमाणुओं की रचना, शक्ति, आदि का विवेचन होता है। (एटमिस्टिक) |
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परमात्मा (त्मन्) :
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पुं० [सं० परम-आत्मन्, कर्म० स०] ब्रह्म। परब्रह्म। ईश्वर। |
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परमादेश :
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पुं० [सं० परम-आदेश, कर्म० स०] उच्च न्यायालय की ऐसी आज्ञा या आदेश जिसके द्वारा कोई काम करने अथवा न करने के लिए कहा गया हो। (रिट, रिट ऑफ़ मेंडामेस) |
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परमाद्वैत :
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पुं० [सं० परम-अद्वैत, कर्म० स०] १. परमात्मा, जो सब प्रकार के भेदों आदि से रहित है। २. विष्णु। |
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परमाधिकार :
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पुं० [सं० परम-अधिकार, कर्म० स०] वह सबसे बड़ा अधिकार जो किसी को उसके पद, लिंग, विशिष्ट गुण आदि के कारण प्राप्त होता है। (प्रेरोगेटिव) जैसे—(क) राजा या राज्यपाल को शासन का, (ख) मनुष्यों को सोच-समझकर काम करने का, (ग) स्त्रियों को संतान उत्पन्न करने का परमाधिकार होता है। |
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परमानंद :
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पुं० [सं० परम-आनंद, कर्म० स०] १. वह उच्चतम आनंद जो आत्मा को परमात्मा में लीन करने पर प्राप्त होता है। २. आनंद स्वरूप ब्रह्म। |
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परमान :
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पुं० [सं० प्रमाण] १. प्रमाण। सबूत। २. यथार्थ या सत्य बात। पुं० [सं० परिमाण] १. नियति, अवधि मान या सीमा। जैसे—थाह, यह सदा १॰ हाथ लंबा ही होता है। २. सीमा। हद। |
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परमानना :
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स० [सं० प्रमाण] १. प्रमाण के द्वारा ठीक सिद्ध करना। २. प्रामाणिक या बिलकुल ठीक मानना या समझना। ३. मान लेना। स्वीकृत करना। |
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परमान्न :
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पुं० [सं० परम-अन्न, कर्म० स०] खीर। पायस। |
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परमामुद्रा :
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स्त्री० [सं० व्यस्त पद] त्रिपुरदेवी की पूजा में एक प्रकार की मुद्रा। |
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परमायु (युस्) :
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स्त्री० [सं० परम-आयुस्, कर्म० स०] जीवनकाल की चरम सीमा। विशेष—हमारे यहाँ उक्त सीमा १॰॰ वर्ष मानी गई है। |
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परमायुष :
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पुं० [सं० ब० स०, अच्] विजयसाल का पेड़। असन। |
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परमार :
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पुं० [सं० पर=शत्रु+हिं० मारना] अग्निकुल के अन्तर्गत राजपूतों का एक वंश। पँवार। |
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परमारथ :
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पुं०=परमार्थ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परमाराध्य :
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वि०=परम आराध्य। |
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परमार्थ :
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पुं० [सं० परम-अर्थ, कर्म० स०] [वि० परमार्थी, परमार्थिक] १. ऐसा पदार्थ या वस्तु जो सबसे बढ़कर हो। जैसे—ब्रह्म पद या मोक्ष। २. वह परम तत्त्व जो नाम, रूप आदि से परे और सबसे बढ़कर वास्तविक माना गया है। विशेष—न्याय में ऐसा सुख परमार्थ माना गया है जिसमें दुःख का सर्वथा अभाव हो। ३. बौद्ध दर्शन में, वस्तु का वास्तविक रूप और ज्ञान। ४. मोक्ष। ५. दूसरों का उपकार या भलाई। परोपकार। |
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परमार्थता :
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स्त्री० [सं० परमार्थ+तल्+टाप्] वास्तविक और सच्चे रूप में होनेवाला आध्यात्मिक यथार्थता। |
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परमार्थवाद :
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पुं० [सं० ष० त०] यह मत या सिद्धांत के परमार्थ या परमतत्त्व का चिंतन और प्राप्ति ही मनुष्य का सबसे बड़ा कर्त्तव्य है। |
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परमार्थवादी (दिन्) :
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वि० [सं० परमार्थ√वद्+णिनि] परमार्थवाद संबंधी। पुं० १. परमार्थवाद का अनुयायी या पोषक। २. बहुत बड़ा ज्ञानी और तत्तवाज्ञ। |
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परमार्थी (र्थिन) :
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वि० [सं० परमार्थ+इनि] १. परमार्थ संबंधी ज्ञान का उपासक और चिन्तक। यथार्थ या वास्तविक तत्त्व को ढूँढ़नेवाला। २. मोक्ष चाहनेवाला। मुमुक्ष। ३. दूसरों की भलाई करनेवाला। परोपकारी। |
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परमावधि :
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स्त्री० [सं० परमा-अवधि, कर्म० स०] किसी काम या बात की अंतिम अवधि या चरम सीमा। |
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परमाह :
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पुं० [सं० परम-अहन्, कर्म० स०,+टच्] १. सबसे बड़ा दिन। २. शुभ दिन। |
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परमिट :
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पुं० [अं०] १. वह अधिकारिक लिखित अनुमति, जिसमें कोई काम करने अथवा कोई चीज खरीदने की अनुमति दी गई हो। २. कागज का वह टुकड़ा जिस पर उक्त अनुमति लिखी होती है। |
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परमिति :
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स्त्री० [कर्म० स०] १. परिमित। २. परम सीमा। ३. मर्यादा। |
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परमिन :
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पुं० [?] एक प्रकार का साँप। कहते हैं कि इसकी फुफकार या हवा लगने से फोड़े निकल आते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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परमीकरण मुद्रा :
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स्त्री० [सं० परमीकरण, परम+च्चि√कृ (करना)+ल्युट्—अन परमीकरण-मुद्रा, ष० त०] दे० ‘महामुद्रा’। |
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समानार्थी शब्द-
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परमीन :
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वि०=पराया। (पूरब) उदा०—कर कुटुम्ब सब मेलइ परमीन।—मैथिली लोकगीत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेव :
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प्रमेह (रोग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेश :
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पुं० [सं० परम-ईश, कर्म० स०] परमेश्वर। |
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समानार्थी शब्द-
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परमेश्वर :
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पुं० [सं० परम-ईश्वर, कर्म० स०] १. सगुण ब्रह्म जो सारी सृष्टि का रचयिता और संचालक है। २. विष्णु। ३. शिव। |
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समानार्थी शब्द-
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परमेश्वरी :
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वि० [सं० परमा-ईश्वरी, कर्म० स० ङीष्] परमेश्वर-संबंधी। स्त्री० दुर्गा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेष्ट :
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वि० [सं० परम-इष्ट, कर्म० स०] [भाव० परमेष्टि] परम इष्ट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेष्टि :
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स्त्री० [सं० परम-इष्टि, कर्म० स०] १. अंतिम अभिलाषा। २. मुक्ति। मोक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेष्ठ :
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पुं० [सं० परमे√स्था (ठहरना)+क, अलुक्, स०] चतुर्मुख ब्रह्म। प्रजापति। (यजु०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेष्ठिनी :
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स्त्री० [सं० परमेष्ठिन्+ङीप्] १. परमेष्ठी की शक्ति। देवी। २. श्री। ३. वाग्देवी। सरस्वती। ४. ब्राह्मी नाम की वनस्पति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेष्ठी (ष्ठिन्) :
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पुं० [सं० परमे√स्था+इनिस, अलुक् स०] १. ब्रह्मा, अग्नि आदि देवता। २. तत्त्व। भूत। ३. प्राचीन काल का एक प्रकार का यज्ञ। ४. शालिग्राम की एक विशिष्ट प्रकार की मूर्ति। ५. विराट् पुरुष जो परम-ब्रह्म का एक रूप है। ६. चाक्षुष मनु का एक नाम। ६. गरुड़। ८. जैनों के एक जिन देव। परमेसर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेसुर :
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पुं०=परमेश्वर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेसरी :
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वि०, स्त्री०=परमेश्वरी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमोक :
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पुं० [सं० परिमोक्ष]=मोक्ष।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमोद :
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पुं०=प्रमोद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमोदना :
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स०=परमोधना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमोधना :
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स० [सं० प्रबोधन] १. प्रबोधन करना। परबोधना। २. मीठी-मीठी बातें करके किसी को अपनी ओर मिलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमृष्ट :
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भू० कृ० [सं० परा√मृश्+क्त] १. पकड़कर खींचा हुआ। २. पीड़ित। ३. जिसके संबंध में परामर्श हो चुका हो। ४. जिसके विषय में विचार के उपरांत निर्णय या निश्चय हो चुका हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेश्वर :
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वि० [सं० परमेश्वर+अण्] परमेश्वर संबंधी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परमेश्वर :
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वि० [सं० परमेश्वर+अण्] परमेश्वर संबंधी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |