शब्द का अर्थ
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परिवेद :
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पुं० [सं० परि√विद्+घञ्] १. पूर्ण ज्ञान। २. अनेक विषयों की होनेवाली जानकारी। ३. परिवेदन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिवेदन :
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पुं० [सं० परि√विद्+ल्युट्—अन] १. पूर्ण ज्ञान। परिवेद। २. बड़े भाई के विवाह से पहले छोटे भाई का होनेवाला विवाह। ३. विवाह। शादी। ४. उपस्थिति। विद्यमानता। ५. प्राप्ति। लाभ। ६. वाद-विवाद। बहस। ६. कष्ट। विपत्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिवेदना :
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स्त्री० [सं० परि√विद् (ज्ञान)+णिच्+युच्—अन, टाप्] १. पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने की विवेक-शक्ति। २. चतुराई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिवेदनीया :
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स्त्री० [सं० परि√विद्+अनीयर्+टाप्] परिविंदक की पत्नी। आविवाहित व्यक्ति की अनुज वधू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिवेदिनी :
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स्त्री० [सं० परिवेद+इनि—ङीष्]=परिवेदनीया। |
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समानार्थी शब्द-
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परिवेद :
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पुं० [सं० परि√विद्+घञ्] १. पूर्ण ज्ञान। २. अनेक विषयों की होनेवाली जानकारी। ३. परिवेदन। |
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समानार्थी शब्द-
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परिवेदन :
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पुं० [सं० परि√विद्+ल्युट्—अन] १. पूर्ण ज्ञान। परिवेद। २. बड़े भाई के विवाह से पहले छोटे भाई का होनेवाला विवाह। ३. विवाह। शादी। ४. उपस्थिति। विद्यमानता। ५. प्राप्ति। लाभ। ६. वाद-विवाद। बहस। ६. कष्ट। विपत्ति। |
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समानार्थी शब्द-
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परिवेदना :
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स्त्री० [सं० परि√विद् (ज्ञान)+णिच्+युच्—अन, टाप्] १. पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने की विवेक-शक्ति। २. चतुराई। |
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परिवेदनीया :
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स्त्री० [सं० परि√विद्+अनीयर्+टाप्] परिविंदक की पत्नी। आविवाहित व्यक्ति की अनुज वधू। |
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परिवेदिनी :
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स्त्री० [सं० परिवेद+इनि—ङीष्]=परिवेदनीया। |
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