शब्द का अर्थ
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पापर :
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पुं०=पापड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [अं० पाँपर] १. कंगाल। २. ऐसा व्यक्ति जिसे अपनी निर्धनता प्रमाणित करने पर दीवानी में बिना रसूम दिये मुकदमा चलाने की अनुमति मिली हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पापरोगी (गिन्) :
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वि० [पाप रोग+इनि] [स्त्री० पापरोगिणी] जिसे कोई पाप-रोग हुआ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पापर्द्धि :
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स्त्री० [सं० पाप-ऋद्धि, ब० स०] आखेट। मृगया। शिकार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पापर :
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पुं०=पापड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [अं० पाँपर] १. कंगाल। २. ऐसा व्यक्ति जिसे अपनी निर्धनता प्रमाणित करने पर दीवानी में बिना रसूम दिये मुकदमा चलाने की अनुमति मिली हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पापरोगी (गिन्) :
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वि० [पाप रोग+इनि] [स्त्री० पापरोगिणी] जिसे कोई पाप-रोग हुआ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पापर्द्धि :
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स्त्री० [सं० पाप-ऋद्धि, ब० स०] आखेट। मृगया। शिकार। |
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समानार्थी शब्द-
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