शब्द का अर्थ
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पुंड्रक :
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पुं० [सं० पुंड्र+कन्] १. माधली लता। २. टीका। तिलक। ३. तिलक का वृक्ष। ४. पुंड्र या पौड़ा नामक ईख। ५. रेशम के कीड़े पालनेवाला व्यक्ति। ६. घोड़े के शरीर का एक चिह्न या लक्षण जो रोएँ के रंग के भेद से होता है और जो शंख, चक्र, गदा, पद्य, खड्ग अंकुश या धनुष के आकार का होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुंड्रक :
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पुं० [सं० पुंड्र+कन्] १. माधली लता। २. टीका। तिलक। ३. तिलक का वृक्ष। ४. पुंड्र या पौड़ा नामक ईख। ५. रेशम के कीड़े पालनेवाला व्यक्ति। ६. घोड़े के शरीर का एक चिह्न या लक्षण जो रोएँ के रंग के भेद से होता है और जो शंख, चक्र, गदा, पद्य, खड्ग अंकुश या धनुष के आकार का होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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