शब्द का अर्थ
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पूँछ :
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स्त्री० [सं० पुच्छ] १. चौपायों तथा जंतुओं का वह गावनुमा तथा लचीला पिछला भाग जो गुदा-मार्ग के ऊपर रीढ़ की हड्डी की संधि में या उससे निकलकर नीचे की ओर कुछ दूर तक लम्बा चला जाता या नीचे लटकता रहता है। पुच्छ। लांगूल। दुम। जैसे—कुत्तें, लंगूर या घोड़े की पूँछ, चिडि़या चूहे या घड़ियाल की पूँछ। मुहा०—किसी की पूँछ पकड़कर चलना=(क) बिना सोचे-समझे किसी का अनुयायी बनकर चलना। (ख) किसी का सहारा पकड़कर चलना। (किसी के आगे) पूँछ हिलाना=किसी के आगे उसी तरह से दीन बनकर आचरण करना जिस प्रकार कुत्ते अपने स्वामी या भोजन देनेवाले के सामने पूँछ हिलाकर दीनता प्रकट करते हैं। २. किसी काम, चीज या बात के पीछे का वह लंबा अंश जो प्रायः अनावश्यक या निरर्थक हो। ३. पतंग, पुच्छल तारे, उल्का आदि के पीछे का चमकनेवाला रेखाकार अंग। जैसे—पतंग की पूँछ। ४. वह जो हरदम दीन भाव से किसी के पीछे या साथ लगा रहता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछ-गाछ :
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स्त्री०=पूछ-ताछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछट :
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स्त्री०=पूँछ (दुम)। (उपेक्षा सूचक)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछड़ी :
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स्त्री० [हिं० पूँछ+ड़ी (प्रत्य०)] छोटी पूँछ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछ-ताछ :
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स्त्री०=पूँछ-ताछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछना :
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स०=पूछना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछ-पाँछ :
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स्त्री०=पूँछ-ताछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछल-तारा :
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पुं०=पुच्छल तारा (केतु)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूँछ :
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स्त्री० [सं० पुच्छ] १. चौपायों तथा जंतुओं का वह गावनुमा तथा लचीला पिछला भाग जो गुदा-मार्ग के ऊपर रीढ़ की हड्डी की संधि में या उससे निकलकर नीचे की ओर कुछ दूर तक लम्बा चला जाता या नीचे लटकता रहता है। पुच्छ। लांगूल। दुम। जैसे—कुत्तें, लंगूर या घोड़े की पूँछ, चिडि़या चूहे या घड़ियाल की पूँछ। मुहा०—किसी की पूँछ पकड़कर चलना=(क) बिना सोचे-समझे किसी का अनुयायी बनकर चलना। (ख) किसी का सहारा पकड़कर चलना। (किसी के आगे) पूँछ हिलाना=किसी के आगे उसी तरह से दीन बनकर आचरण करना जिस प्रकार कुत्ते अपने स्वामी या भोजन देनेवाले के सामने पूँछ हिलाकर दीनता प्रकट करते हैं। २. किसी काम, चीज या बात के पीछे का वह लंबा अंश जो प्रायः अनावश्यक या निरर्थक हो। ३. पतंग, पुच्छल तारे, उल्का आदि के पीछे का चमकनेवाला रेखाकार अंग। जैसे—पतंग की पूँछ। ४. वह जो हरदम दीन भाव से किसी के पीछे या साथ लगा रहता हो। |
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पूँछ-गाछ :
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स्त्री०=पूछ-ताछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पूँछट :
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स्त्री०=पूँछ (दुम)। (उपेक्षा सूचक)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पूँछड़ी :
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स्त्री० [हिं० पूँछ+ड़ी (प्रत्य०)] छोटी पूँछ। |
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पूँछ-ताछ :
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स्त्री०=पूँछ-ताछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पूँछना :
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स०=पूछना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पूँछ-पाँछ :
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स्त्री०=पूँछ-ताछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पूँछल-तारा :
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पुं०=पुच्छल तारा (केतु)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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