शब्द का अर्थ
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पोस :
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पुं० [सं० पोषण; हिं० पोसना] १. पालने-पोसने की क्रिया या भाव। २. पालन-पोषण के फलस्वरूप होनेवाली पारस्परिक ममता या स्नेह। वह स्थिति जिसमें किसी का ठीक से तरह पालन-पोषण होता हो। मुहा०—पोस मानना=उक्त प्रकार की स्थिति को अनुकूल और हितकर समझकर उसमें शांति और सुखपूर्वक रहना। जैसे—(क) साधारणतः सभी कुत्ते पोस मानते हैं। (ख) यहाँ की जमीन में कपास के पौधे पोस नहीं मानते। विशेष—जीव-जंतुओं के सम्बन्ध में इस शब्द के अन्तर्गत पालनकर्ता या पोषक के प्रति कृतज्ञ और निष्ठ रहने का भाव भी सम्मिलित रहता है। पुं० [फा० पोश] पहनावा। पोशाक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पोसन :
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पुं०=पोषण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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पोसना :
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स० [सं० पोषण] १. पोषण अर्थात् पालन या रक्षा करना। पालना। २. पशु-पक्षी आदि में से किसी को अपने पास रखकर उसका पालन करना। जैसे-कुत्ता या तोता पोसना। ३. लाक्षणिक रूप में कोई दुर्व्यसन आदि जान-बूझकर अपने साथ लगाये रखना और उससे बचने या उसे दूर करने का कोई विशेष प्रयत्न न करना। (परिहास और व्यंग्य)। |
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पोस्ट :
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स्त्री० [अं०] १. जगह। स्थान। २. कर्मचारी या कार्यकर्ता का पद। ३. नौकरी। ४. डाक विभाग। |
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पोस्ट-आफिस :
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पुं० [अं०] डाकघर। डाकखाना। |
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पोस्टकार्ड :
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पुं० [अं०] टिकट लगा हुआ मोटे कागज का वह टुकड़ा जिस पर पत्र लिखकर डाक के द्वारा कहीं भेजते हैं। |
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पोस्टमार्टम :
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पुं० [अं०]=शव-परीक्षा |
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पोस्टमास्टर :
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पुं० [अं०] किसी डाकघर का सबसे बड़ा और प्रधान अधिकारी। |
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पोस्टमैन :
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पुं० [अं०] डाक में आई चिट्ठियाँ आदि घर-घर पहुँचानेवाला कर्मचारी। डाकिया। चिट्ठीरसाँ। |
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पोस्टर :
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पुं० [अं०] किसी बड़े कागज पर मोटे अक्षरों में छपी हुई वह सूचना जो जनता की जानकारी के लिए जगह-जगह दीवारों आदि पर चिपकाई जाती है। प्रज्ञापक। |
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पोस्टल :
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वि० [अं०] १. डाक-विभाग संबंधी। जैसे—पोस्टल गाइड। २. डाक विभाग के द्वारा आने या जानेवाला। जैसे—पोस्टल आर्डर। |
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पोस्टल आर्डर :
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पुं० [अं०] कहीं कुछ रुपए भेजने की एक विशिष्ट प्रकार की व्यवस्था (मनी आर्डर से भिन्न) जिसमें निश्चित मूल्य का कोई ऐसा कागज खरीदकर कहीं भेजा जाता है, जिसका प्राप्य धन किसी डाकखाने से लिया जा सकता है। |
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पोस्टल-गाइड :
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स्त्री० [अं०] वह पुस्तक जिसमें डाक द्वारा भेजे जानेवाले पत्रों, पारसलों आदि के संबंध में आवश्यक निर्देश होते हैं। |
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पोस्टेज :
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पुं० [अं०] डाक द्वारा चिट्ठी पारसल आदि भेजने का महसूल। डाकव्यय। |
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पोस्टेज स्टाप :
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पुं० [अं०] डाक का वह टिकट जो डाक द्वारा भेजी जानेवाली चीज का महसूल चुकाने के लिए उस चीज पर चिपकाया या लगाया जाता है। |
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पोस्त :
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पुं० [फा०] १. खाल। त्वचा। २. पेड़ की छाल। ३. पोस्ते का डोडा। ४. दे० ‘पोस्ता’। ५. पिशुनता। |
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पोस्ता :
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पुं० [फा० पोस्त] एक प्रकार का पौधा जिसके डोडों से अफीम तैयार की जाती है। |
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पोस्ती :
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पुं० [फा०] १. अफीम खानेवाला। २. मदक पीनेवाला। ३. वह जो बहुत बड़ा अकर्मण्य तथा आलसी हो। ४. गुडि़या के आकार का कागज का एक खिलौना जिसके पेदें में मिट्टी का ठोस गोला रहता है। यह फेंकने पर जमीन पर खड़ा होकर कुछ देर तक झूमता रहता है। इसे ‘मतवाला’ और ‘खड़े खाँ’ भी कहते हैं। |
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पोस्तीन :
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पुं० [फा०] १. गरम और मुलायम रोएँवाले लोमड़ी, सूअर, आदि कुछ जानवरों की खाल जिसे कई रूपों में बना और सीकर पामीर, तुर्किस्तान और मध्य एशिया के लोग पहनते थे, और जिसका प्रचलन अब सरदी के दिनों में अन्य स्थानों में भी होने लगा है। २. उक्त खाल का बना हुआ कोई पहनावा। ३. पुस्तक की जिल्द के भीतरी भाग पर चिपकाया जानेवाला कागज। |
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