शब्द का अर्थ
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बौर :
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पुं० [सं० मुकुल, प्रा० मुउड़] आण की मंजरी। मौर। वि० दे० ‘बौरा’ (पागल)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बौरई :
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स्त्री० [हिं० बौराना] पागलपन। सनक। |
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बौरना :
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अ० [हिं० बौर+ना (प्रत्यय)] बौर से युक्त होना। |
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बौरहा :
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वि० [हिं० बौरा+हा (प्रत्यय)] [स्त्री० बौरही] पागल। विक्षिप्त। |
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बौरा :
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वि० [सं० वातुल, प्रा० वाउड़, पुं० सि० बाउर] [स्त्री० बौरी] १. बावला। पागल। विक्षिप्त। २. भोला-भाला। सीधा-सादा। ३. गूँगा। (क्व०)। |
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बौराई :
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स्त्री० [हिं० बौरा+ई] बावलापन। पागलपन। |
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बौराना :
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अ० [हिं० बौरा+ना (प्रत्यय)] १. पागल हो जाना। सनक जाना० विक्षिप्त हो जाना। २. विवेक आदि से रहित होकर उन्मत्त होना। स० १. किसी को बावला या पागल बनाना। २. बेवकूफ बनाना। अ०=बौरना। |
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बौराह :
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वि० [हिं० बौरा] बावला। पागल। सनकी। |
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बौरी :
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स्त्री०=बावली। वि० हिं० ‘बौरा’ का स्त्री। |
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