शब्द का अर्थ
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मंजु :
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वि० [सं० √मंज्+कु] सुंदर। मनोहर। |
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समानार्थी शब्द-
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मंजु-गर्त्त :
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पुं० [स० ब० स०] नेपाल। |
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मंजु-घोष :
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पुं० [सं० ब० स०] १. तांत्रिकों के एक देवता का नाम। २. एक बौद्ध आचार्य। वि० मधुर ध्वनि में बोलनेवाला। |
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मंजु-घोषा :
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स्त्री० [सं० ब० स०,+टाप्] एक अप्सरा का नाम। |
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मंजु-तिलका :
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स्त्री० [सं०] हंस-गति नामक मात्रिक छंद का दूसरा नाम। |
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मंजुदेव :
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पुं०=मंजुघोष (आचार्य)। |
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मंजुनाशी :
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स्त्री० [सं०] १. दुर्गा का एक नाम। ३. इंद्राणी का एक नाम। ३. सुंदर स्त्री। |
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मंजु-पाठक :
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पुं० [सं० कर्म० स०] तोता। |
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मंजु-प्राण :
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पुं० [सं० ब० स०] ब्रह्मा। |
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मंजु-भद्र :
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पुं०=मंजुघोष (आचार्य)। |
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मंजुभाषी :
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वि० [सं० मंजु√भाष् (बोलना)+णिनि] [स्त्री० मंजुभाषिणी] मधुर और प्रिय बातें करनेवाला। |
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मंजु मालिनी :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] मालिनी छंद का दूसरा नाम। |
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मंजुल :
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वि० [सं० मंजु+लच्] सुन्दर। मनोहर। पं० १. जलाशय या नदी का किनारा। २. संगीत में, कर्नाटकी पद्धति का एक राग। |
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मंजुला :
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स्त्री० [सं० मंजुल+टाप्] एक नदी का नाम। |
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मंजुश्री :
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पुं०=मंजुघोष (आचार्य)। |
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