शब्द का अर्थ
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यथार्थवाद :
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पुं० [सं० ष० त०] १. दार्शनिक क्षेत्र में, प्लेटो द्वारा प्रवर्तित यह मर्त किसी पद से जिस अमूर्त कि या मूर्त बात या वस्तु का बोध होता है, वह स्वतंत्र सत्तावाली इकाई होती है। २. आज-कल साहित्यिक क्षेत्र में, (आदर्शवाद से भिन्न) यह मत या सिद्धान्त कि प्रत्येक घटना या बात अपने यथार्थ रूप में अंकित या चित्रित की जानी चाहिए (रियालिज्म)। विशेष— इसमें आदर्शों का ध्यान छोड़कर उसी रूप में कोई चीज या बात लोगों के सामने रखी जाती है, जिस रूप में वह नित्य या प्रायः सबके सामने आती रहती है। इसमें कर्ता न तो अपनी ओर से टीका-टिप्पणी करता है न अपना दृष्टिकोण बतलाता है और निष्कर्ष निकालने का काम दर्शकों या पाठकों पर छोड़ देता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
यथार्थवादी (दिन्) :
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वि० [सं० यथार्थवाद+इनि] १. यथार्थवाद से सम्बन्ध रखनेवाला। २. यथार्थवाद के अनुरूप होनेवाला। ३. सत्यवादी। पुं० यथार्थवाद के सिद्धान्तों का समर्थक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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