शब्द का अर्थ
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वक्त्र :
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पुं० [सं०√वच् (बोलना)+त्र] १. मुँह। मुख। २. जानवरों का थूथन। ३. पक्षियों की चोंच। चंचु। ४. तीर, भाले आदि की नोक। ५. अगला भाग। ६. कार्य का आरम्भ। ७. एक तरह का पुराना पहनावा। ८. एक प्रकार का छंद। |
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वक्त्रज :
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पुं० [सं० वक्त्र√जन् (उत्पत्ति)+ड] ब्राह्मण। |
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वक्त्र-ताल :
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पुं० [सं० ष० त०] संगीत में वह ताल जो मुँह से कुछ कह या बजाकर दिया जाय। (किसी पर आघात करके दिये जानेवाले ताल से भिन्न। |
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वक्त्र-तुंड :
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पुं० [सं० ब० स०] गणेश। |
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वक्त्र-भेदी (दिन्) :
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वि० [सं० वक्त्र√भिद् (=भेदन करना)+णिनि, दीर्घ, नलोप] बहुत कड़ुआ चटपटा या तीक्ष्ण (खाद्य पदार्थ)। |
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वक्त्र-शोधी (धिन्) :
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वि० [सं० वक्त्र√शुध् (शुद्ध करना)+णिच्+णिनि] मुँह साफ करनेवाला। (पदार्थ)। पुं० जँबीरी नीबू। |
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