शब्द का अर्थ
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वध :
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पुं० [सं०√हन् (हिंसा)+अप्, बधादेश] १. अस्त्र-शस्त्र से की जानेवाली हत्या। २. पशुओं की हत्या करना। ३. जान-बूझकर तथा किसी उद्देश्य से की जानेवाली किसी की हत्या। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वधक :
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पुं० [सं०√हन्+क्वुन्-अक, वधादेश] १. घातक। हिसंक। २. व्याध। ३. मृत्यु। ४. दे० ‘बधक’। वि० वध करनेवाला। |
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वधजीवी (विन्) :
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पुं० [सं० वध√जीव् (जीना)+णिनि] वह जो औंरों का वध करके जीविका निर्वाह करता हो। |
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वधत्र :
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पुं० [सं० हन्+अत्रन्, वधादेश] वध करने का उपकरण। अस्त्र-शस्त्र। |
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वधना :
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अ० [सं० वर्द्धन] बढ़ना। उन्नति करना। स० [सं० वध०] अस्त्र आदि की सहायता से किसी को जान से मार डालना। |
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वध-भूमि :
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स्त्री० [सं० ष० त०] वह स्थान जहाँ मनुष्यों, पशुओं आदि का वध किया जाता हो। |
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वधामण :
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पुं०=बधावा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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वधालय :
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पुं० [सं० वध-आलय,ष० त०] वह स्थान जहाँ पर मांस प्राप्त करने के उद्देश्य से पशुओं का वध किया जाता है। बूचड़खाना। स्लाटर हाउस। |
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वधिक :
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वि०=बधिक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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वधित्र :
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पुं० [सं०√हन्+इत्र, वधादेश] १. कामदेव। २. कामासक्ति। |
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वधिर :
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वि० [सं० बधिर] बहरा। |
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वधु :
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स्त्री०=वधू। |
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वधुका :
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स्त्री० [सं० वधू+कन्+टाप्,हृस्व] वधू। |
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वधू :
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स्त्री० [सं०√वह् (पहुँचाना)+ऊ, हस्य,धः] १. ऐसी कन्या जिसका विवाह हो रहा हो अथवा हाल में हुआ हो। दुलहन। २. पत्नी। |
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वधूटी :
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स्त्री० [सं० वधू+टि+ङीष्] १. पुत्रवधू। २. नवयुवती। |
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वधूत :
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पुं०=अवधूत (संन्यासी)। |
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वध्य :
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वि० [सं० वध्+यत्०] जिसका वध होने को हो अथवा किया जाना उचित या शास्त्र-सम्मत हो। पुं० वह जिसका वध किया जाना चाहिए। |
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