शब्द का अर्थ
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विप्रलंभ :
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पुं० [सं०] १. छलपूर्ण व्यवहार। २. बात बनाकर या वादा न पूरा करके किसी को धोखा देना। ३. मतभेद के कारण होनेवाला झगड़ा। ४. अभीष्ट वस्तु प्राप्त न होना। चाही हुई चीज न मिलना। ५. एक दूसरे से अलग होना। विच्छेद। ६. साहित्य में प्रेमी या प्रेमिका का वियोग या विरह ७. साहित्य में अलंकार का वह प्रकार या भेद जिसके कारण नायक और नायिका के विरह का वर्णन होता है। ८. अनुचित या बुरा काम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विप्रलंभक :
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वि० [सं० विप्रलंभ+कन्] धोखा देकर या वचन भंग कर दूसरों को छलनेवाला। धूर्त और धोखेबाज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विप्रलंभन :
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पुं० [सं० वि+प्र+√लभ् (वादा करना)+ल्युट-अन, नुम्] [भू० कृ० विप्रलंभित] छल करना। धोखा देना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विप्रलंभी (भिन्) :
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वि० [सं०] विप्रलंभक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |