शब्द का अर्थ
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व्याध :
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पुं० [सं०√व्यध् (मारना)+ण] १. वह व्यक्ति जो शिकार से जीविका उपार्जित करता हो। पक्षियों आदि को जाल में फँसानेवाला बहेलिया। २. प्राचीन भारत में उक्त प्रकार के काम करनेवाली एक जाति। ३. शबर नामक प्राचीन जाति। वि० दुष्ट। पाजी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
व्याधा :
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पुं०=व्याध।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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व्याधि :
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स्त्री० [सं० वि+आ√धा (रखना)+कि] १. किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट। २. रोग। बीमारी। (डिसीज)। ३. आपत्ति। विपत्ति। संकट। विशेष—साहित्य में इसे तेंतीस संचारी भावों के अंतर्गत रखा गया है, जो मन या शरीर की अवस्था को इसका आधार माना गया है। यथा-मानस मंदिर में सती, पति की प्रतिमा थाप। जलती सी उस विरह में बनी आरती आप।—मैथिलीशरण। ४. कुट नामक ओषधि। |
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व्याधिकी :
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स्त्री० दे० ‘रोग-विज्ञान’। |
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व्याधिध्न :
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वि० [सं० व्याधि√हन्+क] व्याधि नष्ट करनेवाला। |
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व्याधित :
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भू० कृ० [सं० व्याध+इतच्] व्याधिग्रस्त। पुं० रोग। बीमारी। |
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व्याधिहर :
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वि० [सं०] व्याधि दूर करनेवाला। |
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व्याधी (धिन्) :
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वि० [सं० व्याधि+कन्] जिसे कोई व्याधि हो। व्याधि से युक्त। स्त्री०=व्याधि। |
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व्याध्य :
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वि० [सं० व्याधि+ष्यञ्] व्याध-संबंधी। व्याधि का। पुं० शिव। |
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