शब्द का अर्थ
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शक्र :
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पुं० [सं०√शक्+रक्] १. दैत्यों का नाश करनेवाले, इन्द्र। २. अर्जुन वृक्ष। ३. कुटज। कोरैया। ४. इन्द्रजौ। ५. ज्येष्ठा नक्षत्र। ६. रगण का एक भेद जिसमें ७ मात्राएँ होती हैं। वि० योग्य। समर्थ। |
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समानार्थी शब्द-
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शक्र-केतु :
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पुं० [सं० ष० त०] इन्द्रध्वज। |
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शक्र-गोप :
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पुं० [सं० शक्र√गुप् (छिपाना)+णिच्+अण्] इन्द्रगोप। वीरबहूटी। |
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शक्र-चाप :
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पुं० [सं० ष० त०] इन्द्रधनुष। |
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शक्र-जाल :
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पुं० [तृ० त०]=इन्द्रजाल। |
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शक्रजित् :
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पुं० [सं० शक्र√जि (जीतना)+क्विप्, तुक्] १. वह जिसने इंद्र पर विजय प्राप्त की हो। २. मेघनाद। |
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शक्रत्व :
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पुं० [सं० शक्र+त्व] शक्र का धर्म या भाव। |
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शक्र-दिशा :
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स्त्री० [सं० ष० त०] पूर्व दिशा जिसके स्वामी इन्द्र माने जाते हैं। |
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शक्र-देव :
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पुं० [सं० कर्म० स०] इन्द्र। |
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शक्र-दैवत :
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पुं० [सं० ब० स०] ज्येष्ठा नक्षत्र जिसके स्वामी इन्द्र माने जाते हैं। |
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शक्र-धनुष :
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पुं० [सं०] इन्द्र-धनुष। |
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शक्र-ध्वज :
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पुं० [सं०] इन्द्रध्वज। |
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शक्र-नंदन :
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पुं० [सं० ष० त०] अर्जुन जो इन्द्र का पुत्र माना गया है। |
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शक्र-पुर :
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पुं० [सं० ष० त०] इन्द्र के रहने की पुरी, अमरावती। |
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शक्र-पुष्पी :
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स्त्री० [सं० शक्रपुष्प+ङीष्] १. कलिहारी। कलियारी। २. अग्नि-शिखा नामक वृक्ष। ३. नागदमनी। |
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शक्र-भवन :
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पुं० [सं० ष० त०] स्वर्ग। |
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शक्र-माता (तृ) :
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स्त्री० [सं० ष० त०] इंद्र की माता, भार्गी। |
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शक्र-यव :
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पुं० [सं० ष० त०] इन्द्र जौ। कुटज बीज। |
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शक्र-लोक :
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पुं० [सं० ष० त०] इंद्रलोक। स्वर्ग। |
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शक्र-वाहन :
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पुं० [सं० ष० त०] इन्द्र का वाहन अर्थात् मेघ। बादल। |
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शक्र-शरासन :
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पुं० [सं० ष० त०] इन्द्र-धनुष। |
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शक्र-शाला :
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स्त्री० [सं० ष० त०] यज्ञ-भूमि में वह स्थान जिसके स्वामी इन्द्र और अग्नि माने जाते हैं। |
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शक्राणि :
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स्त्री० [सं० शक्र+ङीष्,आनुक्] १. इन्द्र की पत्नी, शची। इन्द्राणी। २. निर्गुडी। |
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शक्रात्मज :
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पुं० [सं० शक्र-आत्मज, ष० त०] अर्जुन। |
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शक्रानिल :
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पुं० [सं० शक्र-अनिल, ष० स०] ज्योतिष में प्रसव आदि साठ संवत्सरों के बारह युगों में से दसवें युग के अधिपति। |
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शक्राशन :
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पुं० [सं० शक्र√अश् (भोजन करना)+ल्युट-अन] १. भाँग। विजया। भंग। २. कुटज। कोरैया। ३. इन्द्र जौ। |
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शक्रासन :
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पुं० [सं० ष० त०] १. इन्द्र का आसन। २. सिंहासन। |
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शक्रि :
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पुं० [सं० शक+क्रित्, बहु] १. मेघ। बादल। २. वज्र। ३. हाथी। ४. पहाड़। पर्वत। |
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शक्रोत्थान :
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पुं० [ब० स०] इंद्रध्वज नामक उत्सव। शक्रोत्सव। |
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शक्रोत्सव :
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पुं० [सं० ष० त०] इंद्रध्वज नाम का उत्सव। |
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