शब्द का अर्थ
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सकन :
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पुं० [देश०] १. लता। २. कस्तूरी। मुश्कदाना। अव्य० [सं० स०+कर्ण] कान लगाकर। उदा०-जदि तोहे चंचल सुनह सकन भए अपना धधन काए। विद्यापति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सकना :
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अ० [सं० शक या वाक्य] कोई काम करने में समर्थ होना। करने योग्य होना। जैसे—कह सकता, खा सकना, जा सकना, बैठ सकना आदि। अ० [सं० शंका, हि० सकना=शंका करना] १. शंका के कारण घबराना, डरना या संकोछ करना। उदा०—सूखे से, श्रम से, सबक के से, थके से, भूलेसे, भमे से, भभर से, भकआने से। रत्नाकर। २. दे० ‘सकाना’। |
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समानार्थी शब्द-
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