शब्द का अर्थ
|
सकना :
|
अ० [सं० शक या वाक्य] कोई काम करने में समर्थ होना। करने योग्य होना। जैसे—कह सकता, खा सकना, जा सकना, बैठ सकना आदि। अ० [सं० शंका, हि० सकना=शंका करना] १. शंका के कारण घबराना, डरना या संकोछ करना। उदा०—सूखे से, श्रम से, सबक के से, थके से, भूलेसे, भमे से, भभर से, भकआने से। रत्नाकर। २. दे० ‘सकाना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|