शब्द का अर्थ
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सकार :
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पुं० [सं० स+कार] १. ‘स’ अक्षर। २. ‘स’ वर्ण की यी उससे मिलती जुलती ध्वनि। जैसे—उस समय किसी के मुँह से सकार भी न निकाला। स्त्री० [हिं० सकारना] सकार अर्थात स्वीकृत करने की क्रिया या भाव। स्वीकृति। (ऐक्सेप्टेन्स) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सकारना :
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स० [सं० स्वीकरण] [भाव० सकारा] १. स्वीकृत करना। मंजूर करना। २. महाजनी बोलचाल में हुंडी की मिती पूरी होने के एक दिन पहले हुंडी देखकर उसपर हस्ताक्षर करना। और रुपये चुकाने का उत्तरदायित्व मानना। (आँनरिंग आफ ए ड्राफ्ट) |
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सकारा :
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पुं० [हिं० सकारना] १. सकारने की क्रिया या भाव। २. महाजनी लेन-देन में वह धन जो हुंडी सकारने और उसका समय फिर से बढाने में किया जाता है। पुं० [सं० सकाल]=सकाल (सबेरा)। |
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सकारात्मक :
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वि० [सं०] १. (उत्तर या कथन) जो सहमति या स्वीकृति का सूचक हो। नकारात्मक के विपरीत। (एफर्मेंटिव) २. जिसका कोई निश्चित मान या स्थिर स्वरूप हो। निश्चयी। (पाजिटिव) |
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सकारी :
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पुं० [हिं सकारना] वह जो कोई हुंडी सकारता हो। या जिसके नाम को हुंडी लिखी गई हो। (ड्राई) |
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सकारे :
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अव्य० [सं० सकाल] १. प्रातःकाल। सबेरे। तड़के। २. नियत समय से कुछ पहले ही। जल्दी। |
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