शब्द का अर्थ
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सद् :
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वि० [सं०] सत् का वह रूप जो उसे कुछ विशिष्ट अवस्थाओं में यौ० के आरम्भ में लगाने से प्राप्त होता है। जैसा—सदुपदेश। |
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समानार्थी शब्द-
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सद् :
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पुं० [सं० सदस्] १. सभा। समिति। मंडली। २. यज्ञशाला में बनाया जानेवाला एक प्रकार का छोटा मंडप। अव्य० [सं० सद्य] तत्क्षण। तुरंत। तत्काल। वि० १. नवीन। नया। २. हाल का। ताजा। स्त्री० [सं० सत्व] १. प्रकृति। स्वभाव। २. आदत। टेव। बाल। स्त्री० [अ० सदा=आवाजा] गड़रियों का एक प्रकार का गीत (पंजाब) पुं०=शब्द।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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सद्गति :
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स्त्री० [सं०] १. अच्छी दशा या हालत। २. अच्छा आचरण। सदाचरण। ३. मरने के उपरान्त होनेवाली उत्तम लोक की प्राप्ति और दुर्गति से होनेवाली रक्षा। मुक्ति। |
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सद्गुण :
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पुं० [सं०] अच्छा गुण। उदाहरण—जिमि सदगुण सज्जन पहँ आवा।—तुलसी। |
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सद्गुणी (णिन्) :
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वि० [सं० सद्—गुण+इनि] अच्छे गुणोंवाला। |
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सद्गुरु :
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पुं० [सं०] १. अच्छा और श्रेष्ठ गुरु। २. धार्मिक क्षेत्र में ऐसा गुरु या पथ-प्रदर्शक जिसे स्वानुभूति हो चुकी हो और जो साधना का ठीक मार्ग या प्रणाली बतला सके। ३. परमात्मा। |
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सद्ग्रंथ :
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पुं० [सं० सद+ग्रंथ] आध्यात्मिक दृष्टि से अच्छा ग्रन्थ। सन्मार्ग बतलानेवाली पुस्तक। |
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सद्द :
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पुं० [सं० शब्द, प्रा० सद्द] शब्द। ध्वनि। अव्य०=सद्य (तत्काल)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सद्दर :
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पुं० [हि० सात+दाँत] सात दाँतोंवाला बैल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सद्भाव :
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पुं० [सं०] १. अच्छा अर्थात् शुभ भाव। हित का भाव। दो व्यक्तियों या पक्षो में होनेवाली मैत्रीपूर्ण स्थिति। ३. छल-कपट द्वेष आदि से रहित भाव या विचार। |
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सद्भावना :
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स्त्री० [सं०]=सदभाव। |
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सद्भावी :
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वि० [सं०] १. सदभाववाला। सदभाव से युक्त। २. सदाशयी। (बोनाफाइडी)। |
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सद्य :
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पुं० [सं० सद्+मनिन्, सद्यन्] १. रहने का स्थान। २. घर। मकान। ३. दर्शक। ४. युद्ध। लड़ाई। ५. पृथ्वी और आकाश। |
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सद्यिनी :
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स्त्री० [सं०सद्य] १. बड़ा मकान। हवेली। २. प्रासाद। महल। |
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सद्य :
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पुं० [सं०] शिव का एक नाम। अव्य०=सद्य। |
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सद्य :
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अव्य० [सं०] १. आज ही। २. इसी समय। अभी। ३. तत्काल। तुरन्त। पुं० शिव का एक नाम। |
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सद्य-परक :
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वि० [सं०] जिसका फल तुरन्त मिले। जिसके परिणाम में विलंब न हो। पुं० रात के चौथे पहर का स्वप्न (जो लोगों के विश्वास के अनुसार ठीक घटा करता है)। |
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सद्य-प्रसूत :
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वि० [सं०] तुरंत का उत्पन्न। |
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सद्य-प्रसूता :
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वि० स्त्री० [सं०] जिसने अभी या कुछ ही समय पहले बच्चा प्रसव किया हो। |
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सद्यस्क :
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वि० [सं० सद्यस्√कै (करना)+क] १. वर्तमान काल का। २. इसी समय का। ३. ताजा। ४. आज-कल जिसके संबंध में बहुत ही जल्दी-जल्दी या तुरंत कोई उपचार या काम कनरा आवश्यक हो। बहुत आवश्यक या जरूरी (अर्जेन्ट)। जैसा—उन्हें सद्यस्क तार (या पत्र) भेजो। |
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सद्योजात :
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वि० [सं० कर्म० स०] [स्त्री० सद्योजाता] जो अभी या कुछ ही समय पहले उत्पन्न हुआ हो। पुं० शिव का एक रूप या मूर्ति। |
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सद्र :
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वि० [अ०] अव्य० दे० ‘सदर’। |
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