शब्द का अर्थ
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सलाम :
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पुं० [अ०] अभिवादन का एक मुसलमानी ढंग जिसमें दाहिने हाथ की उँगलियों जोड़कर माथे तक ले जाई जाती, है। क्रि० प्र०—करना।—लेना। मुहावरा—(अमुक को) सलाम देना=अमुक से हमारा सलाम कहो। (आशय यह होता है कि ये आकर हमसे मिलें)। सलाम फेरना= (क) नमाज खतम करने के बाद ईश्वर को अन्त में फिर से नंमस्कार करना। (ख) रोष आदि के कारण किसी का सलाम स्वीकार न करना। किसी को दूर से सलाम करना=किसी बुरी वस्तु या व्यक्ति से बिलुकल अलग या बहुत दूर रहना। जैसा—उनको तो हम दूर से ही सलाम करते है अर्थात् उनके पास जाना पसन्द नहीं करते। |
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समानार्थी शब्द-
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सलाम-अलैकुम :
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अव्य० [अ०] एक अरबी पद जिसका प्रयोग किसी को सलाम करने के समय किया जाता है,और जिसका अर्थ है-आप सकुशल और सुखी रहें (मुसल०)। |
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सलाम-कराई :
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स्त्री० [अ० सलाम+हि० कराई] १. सलाम करने की क्रिया या भाव। २. वह धन जो दूल्हे या दुल्हिन को ससुराल में बड़े लोगों को सलाम करने पर मिलता है। |
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सलामत :
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वि० [सं०] १. (व्यक्ति) जो जीवित तथा कुशलपूर्वक हो। २. (वस्तु) जो रक्षित या अच्छी दशा में हो। ३.जो कायम तथा स्थित हो। क्रि० वि० कुशलतापूर्वक। |
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सलामती :
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स्त्री० [अ०] १. सलामत होने की अवस्था या भाव। २. कुशल। क्षेम। ३. अच्छी तन्दुरुस्ती। उत्तम स्वास्थ्य। जैसा—किसी की सलामती मनाना। पद—सलामती से=सकुशल। कुशलतापूर्वक। |
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सलामी :
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स्त्री० [अ०] १. सलाम करने की क्रिया या भाव। २. विशेषतः सिपाहियों, सैनिको स्काउटों आदि का एक साथ किसी बड़े अधिकारी, अभ्यागत आदि का अभिवादन करना। क्रि० प्र०—देना।—लेना। ३. किसी बड़े आदमी के आगमन के समय उसके स्वागतार्थ बंदूकों, तोपों आदि का दागा जाना। मुहावरा—सलामी उतारना=किसी महान व्यक्ति के स्वागतार्थ तोपों को दागना। ४. वह धन जो मकान, दुकान आदि को किराये पर देने के समय पगड़ी के रूप में लिया जाता है। वि० १. ढालुआँ। जैसा—सलामी छत। २. गाव दुम। |
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