शब्द का अर्थ
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सिंह-नाद :
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पुं० [सं०] १. शेर की गरज या दहाड़। २. प्रतियोगिता, युद्ध आदि के समय गरजकर की जीने वाली ललकार। जोरदार शब्दों में ललकार कही जाने वाली बात। ३. एक प्रकार का वर्णवृत्त। जिसके प्रत्येक चरण में क्रम से सगण, जगण, सगण, सगण और एक गुरु वर्ण होता है। इसे कलहंस और नंदिनी भी कहते हैं। ४. संगीत में, एक प्रकार का ताल। ५. शिव का नाम। ६. बौद्धों में धर्मिक ग्रन्थों आदि का होने वाला पाठ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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