शब्द का अर्थ
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सींक :
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स्त्री० [सं० इषीका] १. मूँज, सरपत आदि जातियों के पौधों का सीधा पतला डंठल जिसमें फूल या घूआ लगता है। २. किसी प्रकार की वनस्पति का बहुत पतला और लंबा डंठल। लंबा तिनका। ३. सुई की तरह का कोई पतला और लंबा खंड या टुकड़ा। ४. नाक में पहनने का कील या लौंग नाम का गहना। ५. किसी चीज पर की पतली लंबी धारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सींक-पार :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार की बत्तख। |
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सींकर :
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पुं० [हिं० सींक] सींक में लगा हुआ फूल या घूआ। |
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सींक-सलाई :
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वि० [हिं०] पेड़ पौधों की वह बहुत पतली और सबसे छोटी उपशाखा या टहनी जिसमें पत्तियाँ और फूल लगते हैं। |
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सींकिया :
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वि० [हिं० सींक] १. सींक सा पतला। २. बहुत अधिक दुबला पतला। कमजोर। जैसे—सीकिया पहलवान। ३. जिसमें सींकों के आकार की लंबी-लंबी धारियाँ या रेखाएँ हो। जैसे—सींकिया कपडा़, सींकिया छपाई। पुं० एक प्रकार का रंगीन कपड़ा जिसमें सींकों के आकार की लंबी-लंबी धारियाँ होती है। |
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सींकिया पहलवान :
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पुं० [हिं०] दुबला पतला आदमी जो अपने को बहुत बड़ा शक्तिशाली समझता हो। (व्यंग्य और परिहास) |
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