शब्द का अर्थ
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सुआ :
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स्त्री० [?] साफ पानी में रहने वाली हरे रंग की एक मछली जिसके दाँत अत्यंत मजबूत और लंबे होते हैं। पुं०=सुअटा (तोता)। २. सूआ (बड़ी सुई)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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सुआउ :
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वि० [सं० सु+आयु] जिसकी आयु बड़ी हो। दीर्घायु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सुआद :
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पुं० [?] स्मरण। याद। (ङि०) पुं०=स्वाद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सुआन :
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पुं० [देश] एक प्रकार का बड़ा वृक्ष जिसके पत्ते प्रति वर्ष झड़ जाते हैं। इसकी लकड़ी इमारत और नाव के कांम में आती है। पुं०=श्वान। पुं०=सूनु (पुत्र)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सुआना :
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स० [हिं० सूना का प्रे०] सूने में प्रवृत्त करना। उत्पन्न या पैदा करना। स०=सुलाना। |
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सुआयी :
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पुं०=स्वामी। |
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सुआर :
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पुं० [सं०सूपकार] भोजन बनानेवाला, रसोइया। |
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सुआरव :
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वि० [सं० ब० स०] उत्तम शब्द करनेवाला। मीठे स्वर से बोलने या बजनेवाला। |
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सुआसिन :
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स्त्री०=सुआसिनी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सुआसिनी :
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स्त्री० [सं० सुवासिनी] १. स्त्री०, विशेषतः आस-पास में रहने वाली स्त्री। २. सौभाग्यवती स्त्री। सधवा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सुआहित :
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पुं० [सं० सु+आहत?] तलवार के ३२ हाथों में से एक हाथ। |
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