शब्द का अर्थ
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सुलग :
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स्त्री० [हिं० सुलगना] सुलगने की क्रिया, अवस्था या भाव। स्त्री० [हिं० सु+लगना] समीप होना। अव्य० समीप। पास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुलगन :
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स्त्री० [हिं० सुलगना] सुलगने की अवस्था, क्रिया या भाव। सुलग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुलगना :
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अ० [सं० सु+हिं० लगना] १. किसी चीज का इस प्रकार जलना कि उसमें से लपट न निकले, बल्कि धूआँ निकले। जैसे–बीड़ी या सिग्रेट सुलगना। २. धीरे-धीरे जलने लगना। जैसे–आग सुलग रही है। ३. लाक्षणिक अर्थ में, ईष्र्या, क्रोध, घुटन आदि के कारण मन ही मन बहुत कुढ़ना या संतप्त होना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुलगाना :
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स० [हिं० सुलगना] इस प्रकार प्रयास करना कि कोई चीज सुलगने लगे। जैसे–बीड़ी सुलगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुलग्न :
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पुं० [सं० प्रा० स०] शुभ मुहूर्त। शुभ लग्न। अच्छी सायत। वि० किसी के साथ अच्छी तरह लगा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |