लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> शिव पुराण भाग-2 - रुद्र संहिता

शिव पुराण भाग-2 - रुद्र संहिता

हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :812
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2079

Like this Hindi book 0

भगवान शिव की महिमा का वर्णन...

अध्याय ११

शिवपूजन की विधि तथा उसका फल

ऋषि बोले- व्यासशिष्य महाभाग सूतजी! आपको नमस्कार है। आज आपने भगवान् शिव की बड़ी अद्भुत एवं परम पावन कथा सुनायी है। दयानिधे! ब्रह्मा और नारदजी के संवाद के अनुसार आप हमें शिवपूजन की वह विधि बताइये, जिससे यहाँ भगवान् शिव संतुष्ट होते हैं। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र-सभी शिव की पूजा करते हैं। वह पूजन कैसे करना चाहिये? आपने व्यासजी के मुखसे इस विषय को जिस प्रकार सुना हो, वह बताइये। महर्षियों का वह कल्याणप्रद एवं श्रुतिसम्मत वचन सुनकर सूतजी ने उन मुनियों के प्रश्न के अनुसार सब बातें प्रसन्नतापूर्वक बतायीं।

सूतजी बोले- मुनीश्वरो! आपने बहुत अच्छी बात पूछी है। परंतु वह रहस्य की बात है। मैंने इस विषय को जैसा सुना है और जैसी मेरी बुद्धि है, उसके अनुसार आज कुछ कह रहा हूँ। जैसे आपलोग पूछ रहे हैं उसी तरह पूर्व काल में व्यासजी ने सनत् कुमारजी से पूछा था। फिर उसे उपमन्युजी ने भी सुना था। व्यासजी ने शिवपूजन आदि जो भी विषय सुना था, उसे सुनकर उन्होंने लोकहित की कामना से मुझे पढ़ा दिया था। इसी विषय को भगवान् श्रीकृष्ण ने महात्मा उपमन्यु से सुना था। पूर्वकाल में ब्रह्माजी ने नारदजी से इस विषय में जो कुछ कहा था, वही इस समय मैं कहूँगा।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book