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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी

गुरुवार


यात्रा के लिए एकत्र की हुई सभी वस्तुओं को कार के ट्रंक में रखा और ठीक चार बजे मेरी एन के अपार्टमेंट पहुँच गया। मुख्य द्वार से अंदर जाने के लिए कार्ड न होने के कारण मैंने मेरी एन को फोन पर काल किया। उसकी उनींदी आवाज से मुझे यह समझ में आया कि शायद वह अभी-अभी ही उठी थी। उसने कहा कि वह बस तैयार होकर नीचे आ रही है। मैं कार में ही उसका इंतजार करने लगा। जब वह थोड़ी देर तक नहीं आई तो मैंने कार में अपना मनपसन्द संगीत लगाया और उसका इंतजार करने लगा। वह लगभग साढ़े चार बजे आई। हमने उसका सामान कार के ट्रंक में रखा और फिर भगवान का नाम लेकर गाड़ी आगे बढ़ाई।  

पार्किंग में मेरी एन का इंतजार करते-करते मैं भी कुछ शिथिल हो गया था। इसलिए यात्रा आरंभ करने से पहले मैंने पास की ही डंकिन डोनट्स से जाकर एक गर्मागर्म काफी का कप लिया। यूनिवर्सिटी से निकलते ही हमने राजमार्ग 85 पर उत्तर दिशा की ओर की सड़क पकड़ी और चल पड़े। अभी हम कुछ ही देर चले होंगे कि मेरा ध्यान मेरी एन की ओर गया। वह निद्रा की गोद में फिर समा गई थी। मैने कुछ फिल्मी गाने धीमी आवाज में लगा लिए और उन्हें सुनता हुआ कार चलाने लगा। मेरी एन को सोते देखकर मेरी निद्रा बिलकुल चली गई थी और मैं अत्यधिक सतर्क होकर गाड़ी चलाने लगा। कहते हैं कि यदि चालक के पास बैठा व्यक्ति सोने लगे तो चालक को भी नींद आने लगती है, इसीलिए मैं अपने आपको बिलकुल भी ढीला नहीं पड़ने देना चाहता था।  
सुबह के लगभग ढाई घंटे की यात्रा तो सूनी सड़कों पर होती रही, परंतु रिचमंड के इलाके में चेस्टर निकलते ही यातायात धीमा होने लगा। यहाँ तक कि थोड़ी देर बाद कारें लगभग रेंगने लगीं। लगभग 6 या 7 मील तक धीरे-धीरे चलने के बाद मैं जब तक दुर्घटना स्थल पर पहुँचा तो देखा कि एक पुरानी ब्यूक कार ने एक पुरानी डॉज डूरेंगो ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी थी। चालक शायद या तो नींद में होगा या फिर काफी का कप आदि रखने के चक्कर में ध्यान बँट गया होगा, इस बीच आगे की कार ने ब्रेक लगा दिया और हो गई टक्कर।  
अब तक रोज आने जाने वाले अपने नित्य प्रति के रंग में थे। हर तरह के लोग नाना प्रकार की कारों, ट्रकों और स्पोर्ट्स कारों में अपने-अपने रोज के कामों के लिए निकल पड़े थे। यूनिवर्सिटी के पास इस तरह का यातायात कम ही रहता है इसलिए अब समझ में आ रहा था कि यहाँ पर लोग ट्रैफिक के समाचारों पर इतना ध्यान क्यों देते हैं। उनकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा इस काम में लग जाता होगा। अब तक मेरी एन जाग गई थी और चुपचाप धीरे-धीरे बढ़ते ट्रैफिक को देख रही थी। मैंने उससे कहा, इस हालत में हम लोग शायद 12 बजे तक ही पहुँच पाये।

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लोगों की राय

Narendra Patidar

सड़क यात्रा में प्रेम - फूस और चिंगारी

Anshu  Raj

Interesting book

Sanjay Singh

america ke baare mein achchi jankari

Nupur Masih

Nice road trip in America

Narayan Singh

how much scholarship in American University

Anju Yadav

मनोरंजक कहानी। पढ़ने में मजा आया

MANOJ ANDERIYA

Is it easy make girl friends in America

Abhishek Sharma

where i get full story of this book

Shivam  Soni

मस्त कहानी

SUNIL PANDEY

where to find full book

Sanjay Nagpal

Very good romantic novel

Gd Mehra

Thank you giving this book for free