लोगों की राय

कविता संग्रह >> अंतस का संगीत

अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

397 पाठक हैं

मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ


सिगरेट और शराब है, लंदन की पहचान।
बम भोले वम बोलिये, ये है हिन्दुस्तान।।61

बड़े-बड़े दारू दिये, फैलायें दुर्गन्ध।
लेकिन लगा ग़रीब की, बीड़ी पर प्रतिबन्ध।।62

वो मुझसे नफरत करे, मैं करता हूँ प्यार।
ये उसका व्यवहार है, ये मेरा व्यवहार।।63

कच्चे धागे की तरह, टूटे सब अनुबन्ध।
आखिर कितने दिन चलें, स्वारथ के सम्बन्ध।।64

हम भी हैं पहचानते, कौन-कौन है कौन।
लेकिन चुप हैं इसलिये, सबसे अच्छा मौन।।65

सच्चाई कह दी अगर, लग जायेगी चोट।
इसीलिये सिलने पड़े, हमको अपने होंठ।।66

चाहे होवे सामने, चाहे होवे ओट।
बातों वाली मार की, होती गहरी चोट।।67

मोबाइल के दौर में, हुआ अनोखा काम।
खाली नम्बर रह गये, नाम हुये गुमनाम।।68

देख डाकिया द्वार पर, मन में उठी हिलोर।
पल भर में ही जुड़ गई, आशाओं की डोर।।69

जाने किसका रास्ता, देख रही है झील।
दरवाजे पर टाँग कर, चन्दा की कंदील।।70

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book