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अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545

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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ



याद आती है


जब तुम्हारी याद आती है
मन बहुत बेचैन होता है

घिर उठीं नभ पर घुमड़कर
जब सजल श्यामल घटायें
बाह में उन्माद भर कर
जब बहें चंचल हवायें

बाग़ में कोयल कोई
जब गीत गाती है
मन बहुत बेचैन होता है

जबकि कोमल कोपलों से
सज रहे होते हैं तरुवर
जबकि चुम्बन के लिए
मंडरा रहे हों मस्त मधुकर

और तितली फूल से
जब रस चुराती है
मन बहुत बेचैन होता है

जबकि एकाकी निशा में
मन हमारा धैर्य खोये
सेज फूलों की निरंतर
देह में काँटे चुभोये

और शीतल चाँदनी
तन मन जलाती है
मन बहुत बेचैन होता है
जब तुम्हारी याद आती है

* *

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