लोगों की राय

सामाजिक >> परिणीता

परिणीता

शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :148
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9708

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

366 पाठक हैं

‘परिणीता’ एक अनूठी प्रणय कहानी है, जिसमें दहेज प्रथा की भयावहता का चित्रण किया गया है।


शेखर सिर हिलाकर हँसता हुआ चला गया। इस लड़के की अवस्था २५-२६ बरस की होगी। एम० ए० पास करके कुछ दिन शिक्षा प्राप्त करने के बाद पारसाल, परीक्षा पास करके, एटर्नी हो गया है। इसके पिता नवीनचन्द्र राय, गुड़ के कारबार में लखपती होकर, कई साल से वह धन्धा छोडकर, घर बैठे तिजारत कर रहे हैं। उनके बड़े लड़के का नाम अविनाश है। वह वकालत करता है। छोटा लड़का यही शेखरनाथ है। राय महाशय का भारी पक्का तिमंजिला मकान मुहल्ले भर में सब इमारतों से ऊँचा था। उसी की एक खुली छत से गुरुचरण के घर की छत मिली होने के कारण दोनो परिवारों में परस्पर बड़ा हेलमेल और गहरी आत्मीयता उत्पन्न हो गई थी। दोर्नो घरों की औरतें इसी राह से आया-जाया करती थीं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book