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धर्म एवं दर्शन

धर्मरहस्य

स्वामी विवेकानन्द

समस्त जगत् का अखण्डत्व - यही श्रेष्ठतम धर्ममत है मैं अमुक हूँ - व्यक्तिविशेष - यह तो बहुत ही संकीर्ण भाव है, यथार्थ सच्चे 'अहम्' के लिए यह सत्य नहीं है।   आगे...

भक्तियोग

स्वामी विवेकानन्द

स्वामीजी के भक्तियोग पर व्याख्यान

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भज गोविन्दम्

आदि शंकराचार्य

ब्रह्म साधना के साधकों के लिए प्रवेशिका

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भगवान श्रीराम सत्य या कल्पना

श्रीरामकिंकर जी महाराज

साधकगण इस प्रश्न का उत्तर हमेशा खोजते रहते हैं

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भगवान श्रीकृष्ण की वाणी

स्वामी ब्रह्मस्थानन्द

भगवान श्रीकृष्ण के वचन

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भगवान महावीर की वाणी

स्वामी ब्रह्मस्थानन्द

भगवान महावीर के वचन

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भगवान बुद्ध की वाणी

स्वामी ब्रह्मस्थानन्द

भगवान बुद्ध के वचन

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असंभव क्रांति

ओशो

माथेराम में दिये गये प्रवचन

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अमृत द्वार

ओशो

ओशो की प्रेरणात्मक कहानियाँ

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आदित्य हृदय स्तोत्र

अगस्त्य ऋषि

भगवान सूर्य की आराधना

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