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उपन्यास >> आशा निराशा

आशा निराशा

गुरुदत्त

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :236
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 7595

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जीवन के दो पहलुओं पर आधारित यह रोचक उपन्यास...


मोहसिन दो प्याले कॉफी बनाकर लाया तो नज़ीर ने प्याला उठाते हुए पूछा, ‘‘मिस्टर मोहसिन! यहां ड्राई-क्लीनिंग किये कपड़े कितनी जल्दी मिल सकते है?’’

मोहसिन ने कहा, ‘‘यहां एक घण्टे की ‘सरविस’ भी है।’’

‘‘तो ठीक है। हम अभी गुसल के लिए जायेंगे और यह कपड़े तुम लेकर ड्राई क्लीन कराने चले जाओ। इन्हीं को पहन कर हम ब्रेक-फास्ट के उपरान्त बाज़ार जाना चाहते हैं।’’

‘‘हजूर! यह हो जाएगा। आप कपड़े बैड रूम में रख दीजियेगा। मैं पांच मिनट में काम से खाली हो कपड़ों को ले जाऊंगा और साढ़े नौ बजे तक लाकर ड्राइंग रूम में रख दूंगा। तब आप पहन सकेंगे।’’

नज़ीर ने मुस्करा कर कहा, ‘‘बहुत खूब। अभी पांच मिनट में कपड़े साहब के बैड रूम में से ले जाना।’’

मोहसिन कॉफी के खाली प्लाये लेकर चला गया तो दोनों बैड-रूम की ओर भागे।

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