लोगों की राय

उपन्यास >> बनवासी

बनवासी

गुरुदत्त

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :253
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 7597

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

410 पाठक हैं

नई शैली और सर्वथा अछूता नया कथानक, रोमांच तथा रोमांस से भरपूर प्रेम-प्रसंग पर आधारित...

4

लुमडिंग के वकील निर्मलचन्द्र भट्टाचार्य के जनरल माइकल से बात करने के बाद माइकल ने समझा कि सोना के विषय की बात अब टल गई है। उसने अपनी पहली योजनानुसार धनिक को ईसाइयों की बस्ती में भेजना आवश्यक नहीं समझा। इस कारण उसने उसके जंगल में लौट जाने में कोई आपत्ति नहीं की। किन्तु सोना सोफी से कहती रहती थी कि नागजातीय उसको मार डालने का यत्न करते रहेंगे। माइकल और सोफी इसको सोना के मन का केवल भय ही मानते थे।

धनिक लुमडिंग से गए दो मास हो गए थे कि सेना के एक कर्नल लौंगवुड स्ट्रिकी की पत्ती और युवा लड़की लापता हो गईं। कर्नंल लौंगवुड ने रिपोर्ट की कि उसकी पत्नी मिसेज स्ट्रिकी और लड़की सैला स्ट्रिकी अँधेरा होने के बाद बाज़ार से कुछ सामान खरीदकर आ रही थीं कि कुछ लोग उनको पकड़कर उठा ले गए। सड़क पर खड़े कुछ लोगों ने उनको छुड़ाने का यत्न किया, किन्तु उन उठाने वालों ने अपने भाले-बरछे निकाल लिये। उन्होने दो को बुरी तरह घायल कर दिया और इस प्रकार वे उनको ले जाने में सफल हो गए।

इस रिपोर्ट पर कमांडिंग जनरल ने आज्ञा दे दी कि स्काउट जंगलों में जाकर औरतों का पता करें। तीन सौ स्काउट इस काम पर लगा दिए गए। अपने हेडक्वार्टर को जनरल ने औरतों के अपहरण की सूचना भेज दी और नियमित सेना को उनके ढूँढ़ने के लिए भेजने की स्वीकृति माँगी।

अभी हेडक्वार्टर से कोई सूचना नहीं आई थी कि जंगल में गए हुए स्काउट ने आकर बताया कि महानदी के किनारे पचास सहस्त्र नागजातीय कबीलों के लोग अपने अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित एकत्रित हो रहे हैं और दोनों अंग्रेज़ औरतों को वहाँ पर बन्दी बनाकर रखा हुआ है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book