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कविता संग्रह >> नारी की व्यथा

नारी की व्यथा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9590

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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ


27. पिता ढूँढने लगा जो वर


पिता ढूँढने लगा जो वर
मिला ना कोई लायक वर
जो मिलता कोई अच्छा वर
उसके अलग ही होते तेवर

दहेज के लोभी समाज में देखो
ऐसा घर कहाँ, जो दहेज न लेता हो

मैं पिता की लाचारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।

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