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कविता संग्रह >> उजला सवेरा

उजला सवेरा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :96
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9605

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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ


 

आज का दिन

आज का ये सुहाना दिन
उदास है ये तेरे बिन

चारों तरफ  की हरियाली
हर लेता है जो मन को
मगर यहां भी लगता नहीं
सब तो पास है तेरे
कभी मेरा हुआ करता जो

आंखें हर जगह करती है
बस तेरा ही दीदार
मगर दोनों के बीच है
इस जमाने की ऊंची दीवार
जिसे गिराना है हमको
हर मुश्किल से होना है पार
धरती के उस छोर पर
बुला रहा है हमको प्यार।

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