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कविता संग्रह >> नारी की व्यथा

नारी की व्यथा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9590

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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ


51. दहेज के बारे में तुमने


दहेज के बारे में तुमने
जो-जो पिता से बातें कही
क्या वो सब सच हैं बातें
और बिल्कुल हैं सही

प्यार से मैंने पूछा उससे
देखता ही रहा वो मुझे

इतनी तो मैं प्यारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।

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