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कविता संग्रह >> नारी की व्यथा

नारी की व्यथा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9590

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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ


63. तुम शादी की करो तैयारी


तुम शादी की करो तैयारी
दहेज है बड़ी बुरी बीमारी
इससे बचके रहना आप भी
अब जाता हूँ आऊँगा जल्दी

जल्दी शादी कर ले जाऊँगा
दहेज तुम्हारा ये पाऊँगा

मैं लक्ष्मी बस तुम्हारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।


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